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Corona के चलते 9346 बच्चे हुए अनाथ, किया जा रहा है डेटा इकट्ठा

कोरोना महामारी के कारण 9346 बच्चे बेसहारा और अनाथ हो गए हैं या फिर उन्होंमे अपने माता-पिता में से एक को खो दिया है.

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By Asna | खबरें - 02 June 2021

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्यों द्वारा 29 मई तक उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण 9346 बच्चे बेसहारा और अनाथ हो गए हैं या फिर उन्होंमे अपने माता-पिता में से एक को खो दिया है. जस्टिस एलएन राव और जस्टिस अनिरुद्ध बोस के समक्ष रखे गए एक अलग नोट में, महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि 30 मई तक, राज्य के विभिन्न हिस्सों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 4,451 बच्चों ने अपने माता-पिता में से एक को खो दिया है. वहीं, 141 बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता दोनों की मौत हो गई.


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यूपी में ऐसे बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा 

एनसीपीसीआर ने अधिवक्ता स्वरूप चतुर्वेदी के माध्यम से दायर एक हलफनामे में कहा कि उत्तर प्रदेश में ऐसे बच्चों की संख्या सबसे अधिक 2110 है.  इसके साथ, बिहार में 1327 बच्चे, केरल में 952 और मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते 712 बच्चे अनाथ हो गए या माता-पिता में से एक को खो दिया. वहीं देश की सबसे बड़ी अदालत ने राज्य सरकारों को सात जून तक एनसीपीसीआर की वेबसाइट 'बाल स्वराज' पर डेटा अपलोड करने और कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित बच्चों से संबंधित विवरण उपलब्ध कराने को कहा है. बच्चों के घरों में कोविड के प्रसार पर स्वत: संज्ञान लेने से जुड़े एक मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट कर रहा है.


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बाल स्वराज पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा डेटा इकट्ठा

एनसीपीसीआर ने अपने हलफनामे में कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों और बड़ी संख्या में लोगों की मौत को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जाएं. उन्होंने कहा कि इस दिशा में पहला कदम जरूरतमंद बच्चों की पहचान करना और ऐसे बच्चों का पता लगाने के लिए एक प्रणाली विकसित करना है. आयोग ने कहा कि उसने 'बाल स्वराज' पोर्टल तैयार किया है जिसके माध्यम से ऐसे बच्चों का डेटा एकत्र किया जा रहा है.

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