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असम में एक बार फिर बाढ़ से हाहाकार मच गया है. पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश के चलते असम के कई जिलों में बाढ़ की समस्या शुरु हो गई है. अभी कुछ महीने पहले ही बाढ़ के चलते लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा था. बारिश से संबंधित कई मौतें भी हुई थी. वहीं अब साल में तीसरी बार बाढ़ का दंश झेलना पड़ रहा है. असम सरकार ने बताया कि बाढ़ के चलते अब तक करीब 70 हजार लोग प्रभावित हो चुके हैं.
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बाढ़ से 110 जिले हुए प्रभावित
बता दें कि, असम में अब तक पांच जिलों में 110 गांव प्रभावित हुए हैं. इनमें 69750 लोग बाढ़ से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के मुताबिक, धेमाजी सबसे अधिक प्रभावित जनपद है. जिसमें 7,885 बच्चों सहित 38,774 लोग प्रभावित हुए हैं. जिले में 76 गांव और 2,838.40 हेक्टेयर फसल भूमि जलमग्न हो चुकी है. धेमाजी लकीमपुर और डिब्रूगढ़ में बीस राहत वितरण केंद्र स्थापित किए गए हैं. जिला प्रशासन और राज्य आपदा मोचन बल प्रभावित इलाकों से लोगों को निकाल रहे हैं. हालांकि राहत की बात यह है कि अभी तक बाढ़ से किसी की भी मौत की खबर नहीं आई है. पिछले 24 घंटों में धेमाजी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, लखीमपुर और नगांव जिलों में तेजी से हो रही बारिश के पानी से 3,021 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को भी जलमग्न हो गई हैं.
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ब्रम्हपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर
बताया जा रहा है कि, विश्वनाथ और कार्वी आंगलोंग में एक-एक तट बंध क्षतिग्रस्त हो गए हैं. लखीमपुर, मोरीगांव, सोनितपुरबिश्वनाथ, धेमाजी, डिब्रूगढ़,और जिलों तिनसुकिया से कटाव की खबर है. गुवाहाटी मौसम विज्ञान केंद्र ने गुरुवार से शनिवार तक हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की है. हाल ही में केंद्रीय जल आयोग के बुलेटिन में कहा गया था कि ब्रह्मपुत्र नदी जोरहाट के नीमतीघाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.




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