Russia-Ukraine War: युद्ध लंबा चला तो भारत को झेलनी पड़ सकती है महंगाई की महामारी

इस दो देशो के बीच की लड़ाई का भारत के ऊपर काफी बुरा असर पड़ने वाला है. वर्तमान में तो ये होगा कि भारतवासी जो युक्रेन में बसे हुए है.

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रुस और युक्रेन की लड़ाई बढ़ती ही जा रही है. एक तरफ रुस पूरी तरह से युक्रेन पर हावी होता जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ युक्रेन झुकने का नाम नहीं ले रहा है.  यह लड़ाई और कितने दिनों तक चलेगी, इसका कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. पहले दिन ही रुसी सेना ने कई मिसाइल दागे और लगभग 137 युक्रेनीयों को मार गिराया और 600 से ज्यादा लोग घायल भी हो गए. 

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लेकिन इस दो देशो के बीच की लड़ाई का भारत के ऊपर काफी बुरा असर पड़ने वाला है. वर्तमान में तो ये होगा कि भारतवासी जो युक्रेन में बसे हुए है, उन्हें वहां से कैसे निकाला जाए, लगभग 25000 भारत की जनता युक्रेन में रहती है, जोकि फिलहाल काफी खतरे में है. तो उन सबकी सुरक्षा भारत की सबसे चिंता और जिम्मेदारी है. 

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इसके बाद जो आगे भारत को यह लड़ाई प्रभावित करेगी वो इकॉनमी होगी. क्योंकि रूस दुनिया का दूसरा क्रुड ऑयल प्रदायक है, और भारत 85%  काफी ज्यादा इस चीज को लेकर रूस पर डिपेंडेन्ट है. 21 फरवरी से पहले क्रुड ऑयल का दाम $60-70 प्रति बैरल था, जोकि युद्ध शुरू होने के तुरंत बाद $100 रुपए/  बैरल  हो गया. इसका सीधा असर भारत की अर्थव्यव्सथा पर पड़ेगा क्योंकि, इसके बाद आयात-निर्यात महंगा हो जाएगा, जिसकी वजह से सभी चीजों की दामों में विद्धी हो जाएगी. 

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भारत बड़े पैमाने पर दूसरे देशों से क्रूड एडिबल ऑयल (Crude Edible Oil) का आयात करता है. वहीं, युक्रेन सनफ्लावर डेराइवेटिव्स का प्रमुख सोर्स है. ऐसे में इस युद्ध से यूक्रेन सहित विभिन्न देशों से क्रूड एडिबल ऑयल की सप्लाई बाधित हो सकती है और कीमत चढ़ सकते हैं.

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