स्वाइन फ्लू ने महाराष्ट्र में दी दस्तक, मरीजों के लिए गए सैंपल

महाराष्ट्र में स्वाइन फ्लू का खतरा दस्तक दे चुका है वही इलाज के लिए कोई बेहतर सुविधा नजर नहीं आ रही है.

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स्वाइन फ्लू पर लगा मौसमी बीमारी का लेबल हटा दिया गया है. महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के बाद इस गर्मी के मौसम में स्वाइन फ्लू मध्य प्रदेश में पहुंच गया है. डीबी स्टार की जांच में सामने आया कि खंडवा में एक स्वाइन फ्लू का संदिग्ध मरीज है. जिसे इंदौर रेफर कर दिया गया.

भोपाल में स्वाइन फ्लू

आपको बता दें कि, भोपाल में मिले स्वाइन फ्लू के 15 संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए जबलपुर की लैब में भेजे गए थे. इनमें से सात मरीजों में स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि हुई है. इतना ही नहीं एक मरीज की मौत का कारण भी इसी बीमारी को बताया गया है. इंदौर भेजा गया मरीज खंडवा में मिला. खंडवा के पास खेड़ाला गांव के मोहम्मद उस्मान को वहां के जनरल फिजिशियन डॉक्टर एसएल गुप्ता ने देखा. स्वाइन फ्लू के लक्षण देखकर उन्होंने उस्मान को एमवाय अस्पताल इंदौर रेफर कर दिया. क्योंकि इसकी जांच करने की कोई सुविधा नहीं है.

सरकारी अस्पताल सर्दी-जुकाम के मरीज को सामान्य मरीज मानते है

मिली जानकारी के अनुसार, अगर डॉक्टर मरीजों का इलाज करते हैं तो इसके साथ-साथ काफी कागजी कार्रवाई भी करनी पड़ती है. ऐसे में वे मरीज को सरकारी अस्पताल में रेफर करना ही बेहतर समझते हैं. सरकारी अस्पताल सर्दी-जुकाम के मरीज को सामान्य मरीज की तरह ही मानते हैं या उच्च एंटीबायोटिक देकर सीधा इलाज देते हैं. वे नहीं चाहते कि स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़े. शहर में सर्दी-खांसी व बुखार के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं.

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