World Cancer Day पर जानिए इस बीमारी से जुड़ी कई अहम बात जोकि आपको रखेगी अलर्ट

आज वर्ल्ड कैंसर डे पर आइए जानते हैं कैंसर होने पर आप सबसे पहले क्या कराए और क्या है इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां जो आपको रखेगी फिट।

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कैंसर एक ऐसा शब्द है जिसे  सुनते ही लोगों के दिलों की धड़कन तेजी से धड़कने लगती है। कैंसर का इलाज अभी तक विज्ञानिक खोजने में लगे हुए है लेकिन उसमें कितना वक्त लगेगा ये बात कोई भी नहीं जानता है, लेकिन यदि आपको कैंसर के बारे में सही जानकारी होगी और उसे आप पूरी तरह से कंट्रोल रख पाएंगे तभी आगे जाकर आप इस महामारी से बच पाएंगे। ऐसे में क्यों न वर्ल्ड कैंसर डे पर हम जानते हैं कि कैंसर कितने प्रकार के होते हैं और इसकी शुरुआत कैसे होती है?

इंसान के शरीर में जब कोशिकाओं के जीन में परिवर्तन होने लगता है तब कैंसर की शुरुआत होती है। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि जीन किसी एक ही कारण की वजह से नहीं बदलते हैं बल्कि अपने आप भी बदल सकते हैं या फिर गुटका, तंबाकू जैसी नशीली चीजों का सेवन करने से, रेडिएशन या फिर अल्ट्रावॉलेट रे आदि जैसी चीजें इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है।

अधिकतर ये चीज देखने को मिलती है कि कैंसर इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं को खत्म कर देता है। लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि कैंसर की कोशिकाओं को इम्यून सिस्टम झेल नहीं पाता और ये  बीमारी बेइलाज हो जाती है। शरीर में कैंसर वाली कोशिकाएं बढ़ती है वैसे-वैसे ट्यूमर उभरता रहता है। यदि इसका इलाज सही समय पर नहीं किया जाता है तो ये पूरे शरीर में फैल जाता है।

वैसे डॉक्टर्स और शोधकर्ताओं की माने तो कैंसर 200 से ज्यादा होते हैं और इसीलिए उनके लक्षण भी अलग-अलग देखने को मिलते हैं। लेकिन यहां उन कैंसर की बात करेंगे जोकि सबसे ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। जोकि कुछ इस तरह से है- 

1. ब्लड कैंसर

2. फेफड़ों का कैंसर

3. ब्रेन कैंसर

4. स्तन कैंसर

5. स्किन कैंसर

कैंसर होने पर आपको क्या करना चाहिए?

कैंसर होने की स्थिति में आप क्या करें और क्या नहीं वो एक सबसे बड़ी मुसीबत है ऐसे में सबसे पहले आपको अपने नजदीकी अस्पताल में जाकर  डॉक्टर से इस बारे में बात करनी चाहिए। आपको हम इस बात की जानकारी यहां देना चाहते है कि कैंसर और उसकी स्टेज को जांचने के लिए कुछ टेस्ट की जरूरत होती है  और उन्हीं के आधार पर मरीजों का इलाज किया जाता है।

1. सीबीसी और डब्लूबीसी

2. सीटी स्कैन और एमआरआई

3. हीमोग्लोबिन टेस्ट

4. बायोप्सी

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