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इस वक़्त इंदौर भारत का पहला वाटर प्लस सिटी बन चुका है. स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के मुताबिक इंदौर को यह ख़िताब मिला है. इंदौर पिछले कई सालों से क्लीनेस्ट सिटी रहा है, इस बात की जानकारी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करके दी थी. वाटर प्लस सिटी का सर्टिफिकेट उसी शहर को मिलता है जिस शहर में नदियां ड्रैंस या डैम सबसे ज्यादा साफ़ हों
स्वच्छ सर्वेक्षण अभियान क्वालिटी कौंसिल ऑफ़ इंडिया कंडक्ट करवाती है. लेकिन आपको बता दें क्वालिटी कौंसिल ऑफ़ इंडिया गवर्नमेंट बॉडी नहीं है. अब जो लोग ये सोच रहे हैं कि ये है क्या तो बता दें यह एक नॉट प्रॉफिट आर्गेनाईजेशन है. इसको गवर्नमेंट और प्राइवेट सेक्टर मिलकर बनाये हैं इसका पर्पस था की देश में जो भी प्रोडक्शन हो रहा है वो एक स्टैंडर्ड्स मैनटैन करे
अपने शहर को वाटर प्लस बनाने के लिए कुछ क्रेटेरिया है
1. ये की जितने भी श्लेट्स है वो सभी सेवेर लाइन से कनेक्ट हों और क्लीन हों
2. ये है कि जितना भी गन्दा पानी है वो किसी भी रिवर और ड्रेन में नहीं जाना चाहिए
3. ये है की 30 परसेंट जो वाटर है सीवर का वो रीसाइकिल होना चाहिए और रीयूज होना चाहिए
तो ये थे वो पैरामीटर्स जिनके बेसिस पे किसी भी सिटी को वाटर प्लस सिटी का सर्टिफिकेट दिया जायेगा. दोस्तों अपने शहर को स्वक्छ और खूबसूरत बनाने के लिए सफाई रखना बेहद जरुरी है. इससे एनवायरनमेंट रहेगा और हाईजिन भी बना रहेगा साथ ही बीमारियां भी दूर रहेंगी




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