Hindi English
Login
Image
Image

Welcome to Instafeed

Latest News, Updates, and Trending Stories

Chaitra Navratri 2021: जानिए क्या है कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा करते समय इन बातों का रखें ख्याल

हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र पर्व चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है. जानिए कैसे करें कलश की स्थापना और क्या है शुभ मुहूर्त.

Advertisement
Instafeed.org

By Deepakshi | खबरें - 10 April 2021

हिन्दू धर्म के अंदर नवरात्रि का पर्व साल में चार बार आता है. चैत्र और शारदीय नवरात्रि के साथ दो और भी नवरात्रि का त्योहार आते हैं, जिन्हें माघ नवरात्रि और आषाढ़ नवरात्रि के नाम से जाना जाता है. नवरात्रि के खास पर्व पर 9 देवियों की पूजा की जाती है. इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 13 अप्रैल से हो रही है और इसका समापन 22 अप्रैल को होने वाला है. इन पूरे नौ दिन शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि की पूजा होती है. 

इस दिन होगी कलश की स्थापना

13 अप्रैल यानी चैत्र नवरात्रि के पहले दिन  ही कलश की स्थापना की जाएगी. इस खास पर्व में कलश स्थापना की बेहद अहमियत है. लोग पूरी विधि के साथ इसकी स्थापना करके खूब लाभ कमाते हैं.

(ये भी पढ़ें:होली वाले दिन कर लें बस ये 5 उपाय, सदा बनी रहेगी मां लक्ष्मी-भगवान शिव की कृपा)

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 13 अप्रैल यानी मंगलवार के दिन सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक है. दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 56 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक रहने वाला है.

चैत्र नवरात्रि पर इन नौ देवियां की होती है पूजा

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इसके बाद दूसरे दिन  ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्मांडा, पांचवें दिन स्कंध माता, छठे दिन कात्यायिनी, सातवे दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नौवे  दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी. जिन देवियों का हमने जिक्र किया है वो मां दुर्गा के ही नौ रुप हैं. इन सभी की इन 9 दिनों विशेष रुप से पूजा की जाती है.

इसीलिए चैत्र नवरात्रि से शुरु होता है हिंदूओं का नया साल

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस सृष्टि के आरंभ का समय चैत्र नवरात्र का पहला दिन माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन देवी ने ब्रह्माजी को सृष्टि रचना का काम सौंपा था. इसी दिन कालगणना की शुरुआत हुई थी. देवी भागवत पुराण के मुताबिक इसी दिन देवी मां ने सभी देवताओं को काम बंटा था. इसलिए चैत्र नवरात्र में हिन्दूके नव वर्ष की शुरुआत मानी जाती है.

(ये भी पढ़ें:क्या आप कर रहे खुद अपनी सेहत के साथ खिलवाड़, जानिए खाने में करें किस नमक का इस्तेमाल)

नवरात्रि में क्या करें-क्या नहीं

- मां दुर्गा की पूजा करते वक्त आप इस बात का खास ख्याल रखें कि ताजा और शुद्ध फूल का इस्तेमाल होना चाहिए. खराब फूल का इस्तेमाल नहीं हो.

- व्रत के दौरान बुरे विचारों से आपको बचना चाहिए.

- जमीन पर बिस्तर लगाकर आपको सोना चाहिए.

- इसके अलावा फलाहार ग्रहण करना चाहिए.

-गुस्सा या फिर गलत बोली का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

- शुभ काम करने चाहिए और भगवान का ध्यान करना चाहिए.

Advertisement
Image
Advertisement
Comments

No comments available.

Participate in Our Poll