भारतीय वायुसेना के बेड़े में आज देश का पहला स्वदेशी विमान जोड़ा गया है. 10 लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर्स (Light Combat Helicopters) का पहला बैच वायु सेना में शामिल हो गया है.
भारतीय वायुसेना के बेड़े में आज देश का पहला स्वदेशी विमान शामिल किया गया है. 10 लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर्स (Light Combat Helicopters) का पहला बैच वायु सेना में शामिल हो गया है. विमानों का यह बेड़ा भारतीय वायु सेना की ताकतों को न सिर्फ बढ़ाएगा बल्कि पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर दुश्मन का खात्मा करने में भी सक्षम होगा. आपको बता दें कि इन विमानों को खास ऊंचाई वाले इलाकों में खास ऑपरेशन के लिए बनाया गया है, हल्के वजन वाले इन विमानों की मदद से सेना सीमाओं पर आसानी से मिसाइल और हथियार ले जा सकेगी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की उपस्थिति में जोधपुर में विमानों के इस बेड़े को वायु सेना में शामिल किया गया है. इन खास किस्म के विमानों को एयरोस्पेस प्रमुख हिंन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)द्वारा विकसित किया गया है. इन विमानों का मुख्य रुप से उच्च उचाई वाले क्षेत्रों में तैनाती के लिए डिजाइन किया गया है. इन विमानों का उपयोग सीमाओं पर उन जगहों पर किया जाएगा, जहां फाइटर जेट का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
इसमे कई स्टील्थ विशेषता
वायुसेना के अधिकारियों ने कहा है कि, एलसीएच "एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर" ध्रुव से समानता रखता है. इस विमान में रडार से बचने की विशेषता है. इसमें बख्तर बंद सुरक्षा प्रणाली, रात को हमला करने और आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता है.
10 विमान वायुसेना में और 5 सेना के बेड़े में होंगे शामिल
अधिकारियों के मुताबिक इसका वजन 5.8 टन है. इसमें दो इंजन लगें हैं. लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर्स का पहले ही विभिन्न हथियारों से फायरिंग परिक्षण पूरा कर लिया गया है. इससे पहले मार्च में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) ने 3,887 करोड़ रुपये की लागत से 15 स्वदेशी रूप से विकसित लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (एलएसपी) एलसीएच की खरीद को मंजूरी दी थी. रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि 10 हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना के लिए और पांच भारतीय सेना के लिए होंगे.
अधिकारियों के अनुसार, इन स्वदेशी हेलिकॉप्टरों में कई खासियत हैं जो सेना को युद्ध के दौरान काफी सहायता दे सकते हैं. दुश्मन की खोज और खुद के बचाव (सीएसएआर), दुश्मन की वायु रक्षा (डीईएडी) को नष्ट करने और आतंकवाद विरोधी ( सीआई) संचालन इसकी खूबियों में है. इन हेलीकॉप्टरों को ऊंचाई वाले बंकर-बस्टिंग ऑपरेशन, जंगलों और शहरी वातावरण में आतंकवाद विरोधी अभियानों के साथ-साथ जमीनी बलों की मदद करने के लिए भी तैनात किया जा सकता है.