बंदूक की नोक पर शादी, जानें बिहार की “जबरिया जोड़ियों” का पूरा सच!

आखिर क्यों और कैसे होता है “पकड़ौआ विवाह ”? दरअसल ये सालों से चली आ रही बिहार की एक कुप्रथा है

बिहार की “जबरिया जोड़ियों”
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आख़िर क्यों और कैसे होता है "पकड़ौआ विवाह"? असली ये प्राचीन से चली आ रही बिहार की एक कुप्रथा है जिसे हाल ही में पटना कोर्ट ने रद्द कर दिया है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, पकड़ौआ विवाह का मतलब है किसी को ज़बरदस्ती शादी कराना। इसमें मनपंसद लड़के को लड़की के घर बुलाकर जबरदस्‍ती, अपनी बेटी से उसकी शादी कर देते हैं। जब कुछ दिन पहले पटना उच्च न्यायालय ने 10 साल पहले हुई एक पकड़ौआ शादी को रद्द कर दिया था उसके बाद ही यह अनोखा विवाह पार्टनर में बन गया है। जानिए इसके बारे में विस्तार से,

कहाँ से आया पकड़ौआ विवाह?

इसकी शुरुआत 1961 में हुई थी जब भारत में डकैती लॉ बनाया गया था और इसे लेन-देन को अपराध माना गया था। धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे हो रही गंगा बेल्ट के कई आदर्शों से अलग शादी के किस्से सामने आए। जब लड़की वाले शराब नहीं दे रहे थे तब वह शादी का यह तरीका अपनाते थे। यहां तक कि पकड़ौआ विवाह के लिए अवलोकन भी करें।

कैसे करें गुप्त विवाह?

सबसे पहले मनपसंद लड़की वाले लड़के ने सही मौके पर उसे किडनैप कर लिया और फिर कुछ दिनों तक उसे अंजान जगह पर रखा। फिर उत्सव वाले दिन पूरे रीति-रिवाज के साथ लड़के की शादी कर दुल्हन को विदा किया जाता है।

क्यों करते हैं पकड़ौआ विवाह?

अक्सर ऐसे मामलों में उन वैज्ञानिकों को बताया जाता है जो या तो सरकारी कर्मचारी होते हैं या किसी अच्छी निजी कंपनी में अच्छी तरह से बसे हुए होते हैं। ऐसे में कई बार होने वाली शादी फाइनल के बाद भी नशे की वजह से बात आगे नहीं बढ़ती गर्लफ्रेंड और पकड़ौआ विवाह जैसे किस्से सामने आते हैं।

आज भी गंगा बेल्ट में कई हाई बैक के लोग बेटियों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते। इस वजह से जब अरेंज मैरिज में शिक्षा की वजह से बात नहीं बनती तब उनकी शादी को रिश्ते में रखा जाता है।

और तो और कई बार सैमुअल पार्टनर्स में शादी के लिए भी पकड़ौआ विवाह जैसे हथकंडे अपनाए जाते हैं।

किसका होता है नुकसान?

इस कुप्रथा का सबसे बुरा असर पति-पत्नी के बीच होता है। अच्छी ही लड़की वाले बिना शराब के सुयोग्य लड़के से शादी करा देते हैं और दबाव वाले सोशल में लड़के वाले भी लड़की को अपना लेते हैं, लेकिन उसके बाद होता है तानों और गृहक्लेश का प्लास्टर। दोनों ही इस रिश्ते को अपना नहीं, जिंदगी भर मानसिक रूप से परेशान और नाख़ुश रहते हैं।

शादी ज़िंदगी भर का साथ है जो ज़बरदस्ती नहीं बल्कि प्यार की डोर से बंधना चाहिए। इस बात पर ध्यान देते हुए पटना हाईकोर्ट के फैसले पर अहम विचार किया जा रहा है. उम्मीद है कि इसके बाद पकड़ौआ विवाह को खत्म करने वाले कई गिरोहों का पर्दाफाश हो जाएगा और इस कुप्रथा पर रोक लगा दी जाएगी। तो क्या पता चले आपको इस अनोखे विवाह के बारे में, कृपया हमें कमेंट सेक्शन में बताएं। ऐसे और वीडियो के लिए इंस्टाफीड को फॉलो और सब्सक्राइब करें।

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