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ये है रावण के सुसराल की अद्भूत कहानी, जहां नहीं है एक भी मच्छर और न बाढ़ का होगा कभी खतरा

कुछ ऐसा है रावण का ससुराल जहां नहीं है बाढ़ का कोई खतरा और मच्छरों का नामों निशान.

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By Deepakshi | ट्रेवल - 15 April 2021

भारत में कई राज्य मौजूद हैं, उन राज्यों में छोटे-छोटे शहर और उनमें मोहल्ले मौजूद होते हैं. वैसे देखा जाए तो आमतौर पर यदि आप ऊंची से ऊंची छत पर पहुंच जाएं तो आपको ज्यादा से ज्यादा पूरा मोहल्ला नजर आ सकता है, लेकिन यूपी के मेरठ में एक ऐसा मोहल्ला मौजूद है, जहां पर छत पर पहुंचते ही आपको पूरा का पूरा शहर नजर आ जाएगा. ऐसा कहा जाता है कि ये वही जगह है जहां रावण का सुसराल हुआ करता था. यह जगह है मेरठ में और इस स्थान को रावण का सुसराल माना जाता है. यहां हम बात कर रहे है मेरठ के मालीपड़ा मोहल्ले की. यहां की किसी भी छत पर जाकर आप पूरा शहर आसानी से देख सकते हैं.


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यहां के रहने वाले लोग इस चीज को लेकर गर्व करते हैं कि वो ऐसे स्थान के निवासी हैं, जहां मंदोदरी रहा करती थीं.यदि आप इस मोहल्ले के किस भी घर की छत पर जाएंगे तो आपको औघड़नाथ मंदिर, बिल्लेश्वर नाथ महादेव मंदिर शहीद स्मारक लिसाड़ी गेट देहली गेट शाहपीर गेट आदि स्थान एक साथ नजर आ जाएंगे. कई लोगों ने बताया कि इन गेट वाले मोहल्लों का भी यहां इतिहास है.

मोहल्ले के लोगों का कहना है भगवान न करें कि कभी बाढ़ आएं, लेकिन आई तो पूरा शहर डूब सकता है ये जगह कभी नहीं डूबेगी. लोगों ने  इसकी एक और खासियत बताई है कि संकरा स्थान होने के बावजूद इस स्थान पर एक भी मच्छर नहीं रहता. साथ ही इस मोहल्ले में एक कोठरी के अंदर ऐसा मंदिर मौजूद है, जहां ऐसी प्राचीन मूर्तियां हैं, जिन पर शोध किया जा रहा है. ऐसा कहा जाता है कि ये मूर्तियां गुप्काल की हो सकती है. 


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वहीं, एक ऐसा मंदिर भी हैं जहां पर रावण की पत्नी मंदोदरी पूजा  करने के लिए जाया करती थी. पुजारी जी बताते हैं कि मेरठ के बिल्लेश्वर नाथ महादेव में मंदोदरी भोलेनाथ की पूजा करने आती थीं. उन्होंने ये भी बताया कि इस शहर में ऐसे लोंग हैं जो रावण को दमाद मानते हैं. आज भी वहां दशहरे के वक्त उनका पुतला दहन तक होता हुआ नहीं दिखाई दिया है.

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