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यूट्यूब पर पैसे कमाने वालों के लिए एक बुरी खबर है. गूगल इस महीने से आपकी यूट्यूब कमाई का 24% तक टैक्स में कटौती कर सकता है. ये नई पॉलिसी अमेरिका के बाहर के कंटेंट क्रिएटर्स पर आज से लागू हो गई है. हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत के वीडियोज में अमेरिकी दर्शकों की संख्या कम होने की वजह से भारत के क्रिएटर्स पर नए नियम का ज्यादा असर नहीं होगा.
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क्या है यूट्यूब की नई टैक्स पॉलिसी?
अमेरिका के टैक्स कानून 'इंटरनल रेवेन्यू कोड' के चैप्टर तीन के तहत, गूगल की जिम्मेदारी है कि वो यूट्यूब पर अमेरिका के दर्शकों से कमाई कर रहे कंटेंट क्रिएटर्स से टैक्स की जानकारी ले. उनकी कमाई से टैक्स काटे और इसकी जानकारी इंटरनल रेवेन्यू सर्विस को दे. इसलिए अगर कोई क्रिएटर अमेरिका के बाहर का है और वो अमेरिका के दर्शकों से कमाई करता है, तो 1 जून 2021 से उसकी कमाई पर टैक्स कटौती शुरू हो जाएगी. गूगल ने इस नई पॉलिसी की घोषणा इस साल मार्च में कर दी थी. इसके मुताबिक यूट्यूब पार्टनरशिप प्रोग्राम में शामिल सभी कंटेंट क्रिएटर्स को 31 मई तक टैक्स की जानकारी देनी थी, भले ही वे दुनिया में कहीं भी रहते हों. इन्फ्लूएंसर मार्केटिंग प्लेटफॉर्म, डू योर थिंग के फाउंडर अंकित अग्रवाल का कहना है कि ज्यादातर इंडियन यूट्यूबर्स क्षेत्रीय भाषा में कंटेंट बनाते हैं. इसलिए उनके ज्यादातर दर्शक भी देश के अंदर ही होते हैं। यूट्यूब सिर्फ उस कमाई पर टैक्स लगा रहा है जो अमेरिका के दर्शकों से हुई है. इसलिए फिलहाल इस नई पॉलिसी से भारत के क्रिएटर्स पर कोई बड़ा असर नहीं होगा.
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अगर आप टैक्स की सही जानकारी देते हैं, तो आपकी कुल कमाई में से सिर्फ अमेरिकी दर्शकों से होने वाली कमाई का कुछ हिस्सा ही टैक्स के रूप में काटा जाएगा. टैक्स की दर कितनी होगी ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप गूगल को टैक्स की क्या जानकारी देते हैं.
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