Story Content
पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले एक्टिव मोड में ममता बनर्जी, बीजेपी और चुनाव आयोग पर लगाए गंभीर आरोप
पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूरी तरह से एक्टिव मोड में आ गई हैं और अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) को मजबूती देने के लिए लगातार रणनीति बना रही हैं। इसी कड़ी में गुरुवार (27 फरवरी) को कोलकाता के नेताजी स्टेडियम में टीएमसी सांसदों, विधायकों और ब्लॉक स्तर के नेताओं की एक बड़ी बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और चुनाव आयोग (ECI) पर कई गंभीर आरोप लगाए।
ममता बनर्जी का चुनाव आयोग पर हमला
बैठक में ममता बनर्जी ने दिल्ली और महाराष्ट्र के हालिया चुनाव नतीजों को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने हरियाणा और गुजरात के लोगों के फर्जी वोट बनवाकर चुनाव जीता है। उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े किए और कहा,
"बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए हरियाणा और गुजरात से फर्जी वोट डलवाए। अगर जरूरत पड़ी, तो हम चुनाव आयोग के दफ्तर के सामने धरना देंगे और फर्जी वोटरों के नाम हटाने की मांग करेंगे।"
इसके साथ ही ममता बनर्जी ने नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर भी सवाल उठाया और कहा कि चुनाव आयोग पर बीजेपी का पूरा प्रभाव है। उन्होंने दावा किया कि जब तक चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं होगा, तब तक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं।
बीजेपी पर जमकर बरसीं ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने इस बैठक में बीजेपी की रणनीतियों की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि बीजेपी हर बार चुनावों से पहले ध्रुवीकरण की राजनीति करती है और बंगाल में भी यही करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा,
"बीजेपी झूठे वादे और फर्जी प्रचार के जरिए लोगों को गुमराह कर रही है। वे बाहरी ताकतों को बंगाल में भेजकर यहां की शांति और संस्कृति को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन बंगाल की जनता उनके इरादों को सफल नहीं होने देगी।"
इसके अलावा, ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर बंगाल के लिए फंड रोकने का भी आरोप लगाया और कहा कि राज्य सरकार को केंद्र से मिलने वाली आर्थिक सहायता नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा,
"बंगाल को केंद्र सरकार से जो पैसा मिलना चाहिए, वह भी रोका जा रहा है। बीजेपी हमें विकास कार्यों से रोकने की कोशिश कर रही है, लेकिन हम झुकने वाले नहीं हैं।"
अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी में शामिल होने की अफवाहों को नकारा
इस बैठक में टीएमसी के महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनके और ममता बनर्जी के बीच किसी भी तरह का मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा,
"मैं तृणमूल कांग्रेस का एक वफादार सिपाही हूं और मेरी नेता ममता बनर्जी हैं। जो लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि मैं बीजेपी में जा रहा हूं, वे झूठी खबरें फैला रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि कुछ लोग पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे ऐसे गद्दारों को बेनकाब करते रहेंगे। उन्होंने कहा,
"मैं जानता हूं कि ये झूठी खबरें कौन फैला रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले कुछ लोगों के निहित स्वार्थ हैं। लेकिन हम ऐसे लोगों को बेनकाब करेंगे, जैसे हमने पिछले चुनावों में किया था।"
विधानसभा चुनाव की रणनीति पर फोकस
बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने कार्यकर्ताओं को चुनावी तैयारियों में जुटने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी के हर नेता और कार्यकर्ता को जमीनी स्तर पर जाकर जनता से जुड़ना होगा और बीजेपी की साजिशों का पर्दाफाश करना होगा।
उन्होंने कहा,
"हमें अपनी सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाना होगा। केंद्र सरकार हमें रोकने की कोशिश कर रही है, लेकिन हमें लोगों को यह बताना होगा कि हमने उनके लिए क्या किया है।"
इसके अलावा, उन्होंने बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने पर भी जोर दिया और कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर प्रचार करना होगा।
बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बनेगी टीएमसी?
विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी का यह आक्रामक रुख बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। 2021 के चुनावों में टीएमसी ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी थी, लेकिन इस बार बीजेपी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरने की कोशिश कर रही है।
ऐसे में, आगामी महीनों में बंगाल की सियासत और भी गरमाने वाली है। ममता बनर्जी की रणनीति और टीएमसी का चुनावी अभियान क्या बीजेपी को टक्कर देने में सफल होगा? यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा, लेकिन एक बात तय है कि बंगाल का चुनावी दंगल इस बार और भी रोचक होने वाला है।




Comments
Add a Comment:
No comments available.