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संसद के बजट सत्र के दौरान सोमवार (3 फरवरी, 2025) को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा हो रही है। इस चर्चा में लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर हमला बोला। हालांकि, राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "मेक इन इंडिया" योजना की शुरुआत की तारीफ भी की, लेकिन साथ ही उन्होंने इसे पूरी तरह से असफल करार दिया।
राहुल गांधी ने कहा कि "मेक इन इंडिया" का विचार अच्छा था, पीएम ने इस पर प्रयास भी किया, लेकिन यह योजना पूरी तरह से विफल रही। उन्होंने कहा, "हम यह नहीं कह सकते कि पीएम ने कोशिश नहीं की, लेकिन वे इसमें नाकाम रहे हैं।" इसके साथ ही राहुल गांधी ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरती विकास दर पर भी सरकार पर निशाना साधा।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर टिप्पणी करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह भाषण पुराने ढर्रे पर था और इसमें सिर्फ सरकार के कामों की लॉन्ड्री लिस्ट दी गई थी।
राहुल गांधी ने ऊर्जा क्षेत्र में हो रहे बदलावों का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान में दुनिया AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की ओर बढ़ रही है, लेकिन इस क्षेत्र में भारत के मुकाबले चीन को दस सालों की बढ़त हासिल है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में यह जिक्र होना चाहिए था कि भारत को इस दिशा में कैसे आगे बढ़ना है।
इसके अलावा, राहुल गांधी ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति के भाषण में यह जरूरी था कि हमारी बैंकिंग व्यवस्था को केवल दो-तीन कंपनियों के कब्जे में होने से बचाने की बात की जाती।
राहुल गांधी ने विदेश नीति पर भी सवाल उठाते हुए कहा, "हमारी विदेश नीति ऐसी न हो कि हमें अमेरिका को राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित करने के लिए पत्र लिखना पड़े।" इस टिप्पणी के बाद सत्ता पक्ष ने हंगामा किया और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने इस पर आपत्ति जताई। रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी अपने मन से कुछ भी बोल रहे हैं। इस पर राहुल गांधी ने जवाब दिया कि प्रधानमंत्री ने चीन की सेना के घुसपैठ से इनकार किया, जबकि सेना प्रमुख ने इसे स्वीकार किया है। इसके बाद राहुल गांधी ने व्यंग्य करते हुए खेद भी जताया।




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