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मौजूदा समय में देश में चलन में सबसे बड़ा नोट दो हजार का है, लेकिन बाजार में इन नोटों की संख्या लगातार घट रही है. इस साल नवंबर में, बाजार में 2,000 रुपये के नोटों की संख्या घटकर 2233 मिलियन या कुल नोटों (एनआईसी) का 1.75 प्रतिशत हो गई, जो मार्च 2018 में 3363 मिलियन थी.
राज्यसभा में मंत्री का जवाब
वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि लेनदेन की मांग को कम करने के लिए रिजर्व बैंक की सलाह पर सरकार द्वारा विशेष मूल्यवर्ग के बैंक नोट छापने का निर्णय लिया गया था. जनता के लिए नोटों की उपलब्धता में सुधार बनाए रखने के लिए किया.
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