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वायरल, चिकनगुनिया और डेंगू बुखार इन दिनों तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है. किसी भी तरह के बुखार के कारण शरीर में दर्द बढ़ जाता है. दर्द सबसे ज्यादा हाथ-पैरों में होता है. ऐंठन बढ़ जाती है. चिंता की सबसे बड़ी बात यह है कि आजकल बुखार होने पर प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं, जो सेहत के लिए खतरे की घंटी है. प्लेटलेट्स कम होने पर रक्तस्राव या फेफड़ों और लीवर में पानी भरने का खतरा होता है. ये जानलेवा भी हो सकता है.
दवाइयों का सेवन करने से दुष्प्रभाव
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ ने कहा कि महंगी दवाओं के बावजूद किसी भी तरह के बुखार को खत्म करने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं की मदद लेनी चाहिए. बुखार के लिए बार-बार दवाइयों का सेवन करने से गंभीर दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं. ऐसे में खुबकला, काशनी, गिलोय, काला नमक और अजवाइन को लेकर आयुर्वेदिक औषधि तैयार की जा सकती है.
पुराना बुखार जड़ से खत्म
खूबकला, काशनी, गिलोय और अजवाइन 100-100 ग्राम और इसकी आधी मात्रा में काला नमक लें और इन सबको मिट्टी के बर्तन में अच्छी तरह पका लें. इसके बाद दिन में दो बार इसका सेवन करें. इससे पुराना बुखार जड़ से खत्म हो जाता है.
मरीज की प्लेटलेट्स
आपको बता दे की आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी यह कहते हैं कि आजकल का बुखार बेहद ही खतरनाक होता है, जोकि हमारे पूरे शरीर को तोड़ कर रख देता है. इन बुखार में सबसे खतरनाक डेंगू वायरस और चिकनगुनिया जैसे बुखार होते हैं. इस तरह के बुखार में मरीज की प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लग जाती है. ऐसे में अगर आप आयुर्वेदिक तरीका अपनाते है तो मददगार साबित होगा.




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