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डायबिटीज मरीजों के लिए एक बड़ी खबर इस वक्त सामने आई है। जो दवा शुगर वाली पहले 60 रुपए में मिलती थी वो अब 9 रुपये में मिलने वाली है। आइए जानते हैं कि इतना बड़ा फैसला क्यों और किस वजह से लिया गया है। डायबिटीज हमारे लाइफस्टाइल से जुड़ी बेहद ही गंभीर बीमारी है। इसके चलते ब्लड में शुगर लेवल बढ़ जाता है। डायबिटीज होने पर सबसे ज्यादा असर हार्ट, ब्रेन और किडनी पर होता है क्योंकि इन्हीं अंगनों को सबसे ज्यादा खून की जरूरत पड़ती है।
डायबिटीज के मरीज इस वक्त दुनियाभर में बढ़ते ही चले जा रहे हैं। भारत इस मामले में आगे बढ़ रहा है। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक भारत में 10.1 करोड़ लोग डायबिटीज की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से ज्यादातर लोग अपनी बीमारी का इलाज अपनी ही जेब से भर रहे हैं। एम्पाग्लिफ्लोजिन नाम की दवा का इस्तेमाल सबसे ज्यादा डायबिटीज वाले केस में होता है। इस दवा को जर्मन कंपनी बोहरिंगर इंगेलहाइम बना रही थी, जिसका अब पेटेंट खत्म होने जा रहा है। इसके बाद भारतीय घरेलू दवा कंपनियां इसे अपने ब्रांड के तहत लॉन्च करने वाली है।
9 रुपये में मिलेगी अब डायबिटीज वाली दवा
इस लिस्ट में दवा बनाने वाली कंपनियां मैनकाइंड फार्मा, टॉरेंट, अल्केम, डॉ. रेड्डी और ल्यूपिन शामिल हैं। खास बात तो ये है कि मैनकाइंड फार्मा इस दवा को जर्मन कंपनी के मुकाबले 90 प्रतिशत तक कम कीमत पर बेचने की तैयारी करने में जुटी हुई है। अगर ऐसा होता है तो 60 रुपये में बिकने वाली दवा सिर्फ 9 रुपए में अब लोगों को मिलेगी।
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