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रक्त हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है, जो कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. रक्त के बिना कोई भी व्यक्ति जीवित नहीं रह सकता. क्या आपके मन में कभी ये सवाल आया है कि खून का रंग लाल क्यों होता है, जबकि हमारी नसों का रंग लाल नहीं होता? आखिर खून में ऐसा क्या है जिसके कारण इसका रंग लाल होता है? आइए जानते हैं इससे जुड़े तथ्य.
फोर्टिस अस्पताल, नोएडा के हेमेटोलॉजी और रक्त विकार विभाग की सलाहकार डॉ. प्रियांशी पचौरी के अनुसार, हमारे शरीर में दो प्रकार की कोशिकाएं होती हैं. इनमें से एक श्वेत रक्त कोशिकाएं और दूसरी लाल रक्त कोशिकाएं हैं. लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन होता है, जो आयरन के साथ मिलकर इसका रंग लाल कर देता है. हमारे रक्त में लाखों लाल रक्त कोशिकाएं होती हैं, जिनके कारण हमारे रक्त का रंग लाल हो जाता है.
शरीर का रंग हल्का नीला
डॉ. प्रियांशी बताती हैं कि जब किसी व्यक्ति के शरीर में इन तत्वों की कमी हो जाती है तो उसका शरीर नीला दिखने लगता है. जब किसी व्यक्ति को जहर दिया जाता है तो वह हमारे खून में मिल जाता है और उसके शरीर का रंग नीला पड़ने लगता है. हमारे शरीर में खून की पर्याप्त मात्रा होना बहुत जरूरी है और इसकी कमी के कारण हमें कई गंभीर स्थितियों का सामना करना पड़ता है. अगर किसी व्यक्ति को अपने शरीर का रंग हल्का नीला दिखाई दे तो उसे तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
विशेषज्ञों के अनुसार, हमारे शरीर में दो प्रकार की श्वेत रक्त कोशिकाएं होती हैं. इनमें से एक है डब्लूबीसी और दूसरा है प्लेटलेट। WBC हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता देते हैं और रक्तस्राव से बचने के लिए प्लेटलेट्स हमारे शरीर के लिए आवश्यक हैं। डेंगू की स्थिति में हमारे शरीर में प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं और रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है. लोगों को स्वस्थ रहने के लिए समय-समय पर खून की जांच करानी चाहिए.




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