Hindi English
Login
Image
Image

Welcome to Instafeed

Latest News, Updates, and Trending Stories

उपचुनाव में हार के साइड इफेक्ट, अखिलेश यादव के नेतृत्व पर सवाल

इस लोकसभा उपचुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी काफी हताश और निराश नजर आ रही है. भाजपा समाजवादी पार्टी के वोट बैंक में सेंधमारी करने में कामयाब रही है.

Advertisement
Instafeed.org

By Jyoti | खबरें - 28 June 2022

23 जून को हुए रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में 

बीजेपी ने बाजी मार ली है . रामपुर लोकसभा सीट उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार घनश्याम लोधी ने जीत दर्ज की है. भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आसिम रजा को 42 हजार वोटों के अंतराल से हराया. वहीं आजमगढ़ से बीजेपी के प्रत्याशी दिनेश लाल उर्फ निरहुआ ने सपा के उमीदवार धर्मेंद्र यादव को हरा दिया। आपको बता दें कि दिनेश लाल उर्फ निरहुआ भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के बहुत बड़े स्टार हैं, और भोजपुरी सिनेमा में अपने पैर जमाने के बाद उन्होंने राजनीति की तरफ अपने कदम बढ़ाए हैं. 

उपचुनाव में हार के साइड इफेक्ट 

इस लोकसभा उपचुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी काफी हताश और निराश नजर आ रही है. भाजपा समाजवादी पार्टी के वोट बैंक में सेंधमारी करने में कामयाब रही है. जिससे सपा के सहयोगी दलों में भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी है. वहीं उपचुनाव में मिली हार के साइड इफेक्ट भी दिखने लगे हैं. हार के बाद ओम प्रकाश राजभर और संजय चौहान ने अखिलेश यादव के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं. जनवादी पार्टी के प्रमुख डॉ संजय चौहान ने अखिलेश यादव को AC कमरे से बाहर निकल कर जमीन पर उतरने की नसीहत दे रहे हैं.

सपा से अलग हो रहे हैं सहयोगी दल

अखिलेश यादव से उनके चाचा शिवपाल यादव पहले से ही नाराज हैं और अपनी एक अलग सियासी राह की तलाश कर रहे हैं. इससे पहले अखिलेश यादव के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने वाले केशव देव मौर्य भी सपा से अलग हो चुके हैं. इस तरह जहां एक तरफ सपा के सहयोगी दल धीरे-धीरे उससे अलग हो रहे हैं. वहीं कुछ अखिलेश यादव के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं. ऐसे में सपा के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव कांटो भरा साबित होने वाला है

अखिलेश यादव के नेतृत्व पर सवाल

सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव के नेतृत्व पर सवाल उठाया और कहा कि ऐसे तो चुनाव नहीं लड़े जाते. अखिलेश यादव ने 2022 के विधानसभा चुनाव में हार से भी कोई सीख नहीं ली. उन्होंने कहा कि चुनाव का बिगुल बजेगा, पर्चा भरा जाएगा और उसके बाद आप मैदान में आओगे तो ऐसे कैसे चुनाव जीता जाएगा. एक आदमी दो महीने से मेहनत कर रहा है वहीं एक आदमी सिर्फ 1 दिन से मेहनत कर रहा है. ऐसे में भला कोई कैसे चुनाव जीत सकता है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को भाजपा की तरह बाहर निकल कर संगठन को मजबूत करना चाहिए. बीजेपी 24 घंटे चुनावी मोड़ में रहती है. ऐसे में हमें भी उसी तरह जमीन पर रहकर काम करना चाहिए.

Advertisement
Image
Advertisement
Comments

No comments available.