सावधान! अब आया Coronavirus का AY.12 स्ट्रेन, जानिए कितना खतरनाक है ये

इस वेरिएन्ट के स्पाइक प्रोटीन में कोरोना वायरस परिवार से मिलता जुलता कोई म्यूटेशन नहीं मिला है.

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कोरोनावायररस के डेल्टा वेरिएन्ट ने दुनिया में कहर बरपाया हुआ है. इस वेरिएन्ट में कई बदलाव भी देखे गए हैं. अब कई राज्यों ने डेल्टा परिवार से ही जुड़ा AY.12 स्ट्रेन के नए मामलों को दर्ज किया है. विशेषज्ञों का दावा है कि ये नया AY.12 स्ट्रेन इजराइल में हालिया कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के पीछे हो सकता है. INSACOG के साप्ताहिक अपडेट के मुताबिक इजराइल में 60 फीसद आबादी का पूरी तरह टीकाकरण के बावजूद डेल्टा वेरिएन्ट के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है.

INSACOG विभिन्न लैब्स का एक अखिल भारतीय नेटवर्क है जो कोविड-19 की जिनोम स्टडी पर निगाह रखता है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, डेल्टा वेरिएन्ट के परिवार को चार से बढ़ाकर वैज्ञानिकों ने 13 कर दिया है. उसके मुताबिक जिन मामलों के पीछे पहले डेल्टा वेरिेन्ट को माना जा रहा था, अब  AY.12 स्ट्रेन  के तौर पर दोबारा र्गीकृत किया जा रहा है. AY.12 स्ट्रेन क्या है? डेल्टा वेरिएन्ट और  AY.12 स्ट्रेन के बीच अंतर क्या है? इजराइल में किस तरह के हालात हैं? क्या हमें भी चिंता करना चाहिए? ये सारे सवाल हमारे मन में उथल पुथल पैदा कर रहे.


डेल्टा वेरिएंट और AY.12

इंडियन एक्स्प्रेस ने INSACOG के हवाले से खबर दी कि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि क्या डेल्टा वेरिएन्ट या B.1.617.2 से AY.12 अलग है या नहीं है. हालांकि, देखा गया है कि डेल्टा वैरिएंट में मौजूद G142D स्पाइक प्रोटीन AY.12 स्ट्रेन में नहीं है. उसके अलावा, इस वेरिएन्ट के स्पाइक प्रोटीन में कोरोना वायरस परिवार से मिलता जुलता कोई म्यूटेशन नहीं मिला है. Outbreak.org. के मुताबिक, AY.12 स्ट्रेन का का पहला मामला भारत में 7 सितंबर, 2020 में सामने आ चुका है. वर्तमान में AY.12 स्ट्रेन का मामला इजराइल में छाया हुआ है. 51 फीसद सैंपल के परीक्षण में पाया गया है कि ये वेरिएन्ट आम है. पिछले हफ्ते सैंपल के आधार पर इस वेरिएन्ट की घटना में 20 फीसद की बढ़ोतरी देखी गई है. इजराइल की सरकार ने लोगों के जमावड़े पर पाबंदियां लगा दी हैं और अब कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है.

AY.12 स्ट्रेन की तेज रफ्तार बढ़ोतरी किसी को भी चिंतित करने के लिए काफी है. सभी म्यूटेशन या वेरिएन्ट्स समान रूप से नुकसानदेह नहीं हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन वेरिएन्ट्स को दो श्रेणियों में वर्गीकृत करता है- वेरिएन्ट ऑफ इन्टेरेस्ट और वेरिएन्ट ऑफ कंसर्न. कोरोना के डेल्टा वेरिएन्ट को वेरिएन्ट ऑफ कंसर्न के तौर पर परिभाषित किया गया है. दुनिया के कई दूसरे देशों समेत भारत में डेल्टा प्रमुख वेरिएन्ट ऑफ कंसर्न है.

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