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भोपाल प्रशासन का यह कदम शहर में सार्वजनिक स्थानों पर हो रही असुविधाओं और अव्यवस्थाओं को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है। ट्रैफिक सिग्नल, चौराहों, धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों पर भीख मांगने से न केवल यातायात प्रभावित होता है, बल्कि यह क्षेत्रीय शांति और व्यवस्था को भी खतरे में डालता है। प्रशासन का यह मानना है कि भीख मांगने वाले व्यक्ति अक्सर गलत संगत में पड़ जाते हैं और अपराधों में शामिल होते हैं, जिससे न केवल समाज की सुरक्षा को खतरा होता है, बल्कि यह कानून-व्यवस्था को भी कमजोर करता है।
इसके साथ ही, भोपाल में भीख देने वाले व्यक्तियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। कई बार देखा गया है कि लोग भिखारियों को पैसों के अलावा खाने-पीने का सामान भी दे देते हैं, जो कि इस आदेश के तहत अपराध माना जाएगा। प्रशासन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शहर में कोई भी व्यक्ति भिखारी बनकर असामाजिक गतिविधियों में शामिल न हो और समाज के लिए खतरे का कारण न बने।
इसके अलावा, यह आदेश केवल भोपाल शहर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आसपास के कस्बों और गांवों में भी इसे लागू किया जाएगा। इस कदम से प्रशासन यह भी सुनिश्चित करना चाहता है कि नशेड़ी और अपराधिक प्रवृत्तियों वाले लोग सार्वजनिक स्थानों पर अपनी गतिविधियों को न फैलाएं।
कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि यह आदेश शहर के विकास और शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल अपराधों को रोका जा सकेगा, बल्कि शहर के नागरिकों के लिए बेहतर और सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया जा सकेगा। अब प्रशासन ने अपनी निगरानी बढ़ाते हुए यह सुनिश्चित करने का फैसला लिया है कि इस आदेश का कड़ाई से पालन हो और किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अव्यवस्था फैलाने वाले भिखारी या उनके मददगारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।




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