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चैत्र नवरात्रि के दिन ऐसे करें देवी स्कंदमाता की पूजा, इन मंत्रों से मिलेगा लाभ

नवरात्रि के पांचवें दिन माता स्कंदमाता की पूजा होती है। इनकी पूजा और ध्यान करने से बुद्धि का विकास होता है। उन्हें कार्तिकेय की माता होने के चलते ही स्कंदमाता कहा जाता है। जानिए कैसे करनी है उनकी पूजा? और क्या है उनका पसंदीदा भोग?

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Image Credit: प्रतीकात्मक तस्वीर
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By Taniya Singh | Delhi, Delhi | खबरें - 02 April 2025

नवरात्रि के पांचवें दिन माता स्कंदमाता की पूजा होती है। इनकी पूजा और ध्यान करने से बुद्धि का विकास होता है। उन्हें कार्तिकेय की माता होने के चलते ही स्कंदमाता कहा जाता है। स्वामी स्कंद बाल रूप के तौर पर मां की गोद में बैठे हुए नजर आते हैं। नवरात्रि के पांचवें दिन सच्चे मन से व्रत रखते हैं और माता की पूजा करते हैं, तो उनकी सूनी गोद जल्द भर जाती है। इसलिए, इस दिन का व्रत और पूजा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद घर के मंदिर या पूजा स्थान में चौकी पर स्कंदमाता की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें। गंगाजल से शुद्धिकरण करें फिर एक कलश में पानी लेकर उसमें कुछ सिक्के डालें और उसे चौकी पर रखें। अब पूजा का संकल्प लें। इसके बाद स्कंदमाता को रोली-कुमकुम लगाकर नैवेद्य अर्पित करें। अब धूप-दीपक से मां की आरती और मंत्र जाप करें। स्कंद माता को सफेद रंग बहुत प्रिय है। इसलिए भक्त सफेद रंग के कपड़े पहनकर मां को केले का भोग लगाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से मां सदा निरोगी रहने का आशीर्वाद देती हैं।

माता स्कंदमाता से जुड़े मंत्र

- या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

- सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।

शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥


केले के साथ खीर का जरूर लगाए भोग

स्कंदमाता की पूजा में केले के साथ खीर का भोग लगाना शुभ होता है। इसके अलावा स्कंदमाता की पूजा में पीला और सफेद रंग धारण करना शुभ होता है।

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