Chardham Yatra 2021: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगाई रोक, राज्य सरकार को फटकारा, कहा ‘कुंभ मेला भूल गए’

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगाई रोक, राज्य सरकार को फटकारा, कहा ‘कुंभ मेला भूल गए’ कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा पर 7 जुलाई तक रोक लगा दी है.

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देहरादून: कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा पर 7 जुलाई तक रोक लगा दी है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कुंभ मेला में कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ने का हवाला देते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि धार्मिक आस्था को सार्वजनिक सुरक्षा पर हावी नहीं होने दिया जा सकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने भक्तों के लिए लाइव स्ट्रीमिंग के निर्देश दिए है. 


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उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कहा "यह जनता का हित है कि 25 जून के राज्य सरकार के कैबिनेट के फैसले के संचालन पर रोक लगा दी जाए और सरकार को निर्देश दिया जाए कि तीर्थयात्रियों को चारधाम मंदिरों तक पहुंचने की अनुमति न दी जाए." कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी. कांग्रेस ने सीएम तीरथ सिंह रावत से की मांग, कुंभ में कोविड जांच रिपोर्टों में हुए भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच हो

चारधाम यात्रा को लेकर जारी की गई उत्तराखंड सरकार की एसओपी पर हाईकोर्ट ने कहा “यह हाल ही में संपन्न हुए कुंभ मेले के एसओपी की तरह ही है. कुंभ मेले के लिए भी इसी तरह की एसओपी जारी की गई थी. फिर क्या हुआ? कुंभ के फोटो और वीडियो से पता चला कि सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने जैसे कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा था.” जिस पर सरकार की ओर से पक्षकार ने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं को नेगेटिव आरटीपीसीआर (RT-PCR) रिपोर्ट लाना अनिवार्य है. इस पर कोर्ट ने कहा “क्या आप कुंभ में नकली RTPCR टेस्ट भूल गए हैं?” उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा की एसओपी 21 जून तक अदालत में दाखिल करने के निर्देश दिए

ज्ञात हो कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने इसी साल हुए कुंभ मेले के दौरान कोविड के प्रसार को नियंत्रित रखने के लिए राज्य सरकार को 50,000 कोविड जांच प्रतिदिन कराने को कहा था, जिसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने 22 लैब को इसका जिम्मा सौंपा. लेकिन, आरोप है कि इस दौरान फर्जी कोविड जांच रिपोर्ट जारी कर भारी भ्रष्टाचार किया गया. प्रारंभिक जांच में सामने आया कि इन निजी जांच लैबो ने कम से कम एक लाख इस प्रकार की फर्जी रिपोर्टें जारी कीं.


1 जुलाई से स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए शुरू होने वाली थी चारधाम यात्रा-


उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने एक जुलाई से स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा शुरू करने पर पिछले शुक्रवार को अपनी मुहर लगा दी थी. मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया था कि एक जुलाई से चमोली जिले के निवासी बद्रीनाथ मंदिर, रूद्रप्रयाग जिले के निवासी केदारनाथ तथा उत्तरकाशी जिले के निवासी गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के दर्शन कर सकेंगे. हालांकि राज्य सरकार ने कहा था कि मंदिरों के दर्शन के लिए प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या निश्चित की जाएगी जबकि कोविड की आरटी-पीसीआर या एंटीजन रैपिड जांच रिपोर्ट जरूरी होगी.


राज्य सरकार ने बयान जारी कर बताया था कि चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने और देवस्थानम बोर्ड और जिला प्रशासन से समन्वय के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी जो कोविड से संबंधित मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) को लागू करने के लिए निगरानी का कार्य भी करेगा. जबकि मंदिरों में दर्शन के लिए अलग से एसओपी भी जारी की जाएगी.


उल्लेखनीय है कि कोविड-19 की तीसरी लहर और वायरस के डेल्टा प्रकार की आशंका के बीच उत्तराखंड के जनपद चमोली, उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग एवं चार धामयात्रा के मार्ग में आने वाले जनपद टिहरी और पौड़ी को अतिरिक्त वैक्सीन दी गई थी. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा के शुरू होने पर चारधाम यात्रा से जुड़े समस्त पुजारी दुकानदारों, ढाबा संचालक, स्थानीय निवासियों, खच्चर-कांडी संचालकों, कैब ड्राइवरों और अन्य जो भी चारधाम में आने वाले यात्रियों के सीधे संपर्क में आ सकते है, उनका कोविड वैक्सीनेशन प्राथमिकता से किया जाए.

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