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J&K की बैठक में कांग्रेस ने रखी ये 5 मांगे, जानिए किस पर सहमित जताएगी सरकार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का कहना है कि पार्टी ने सरकार से पांच मांगें उठाई हैं, जोकि कुछ इस तरह से है.

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By Deepakshi | खबरें - 24 June 2021

जम्मू और कश्मीर पर गुरुवार की सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कथित तौर पर आश्वासन दिया कि वह इस क्षेत्र को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. पीएम ने यह भी कहा कि वह 'दिल्ली की दूरी के साथ-साथ दिल की दूर' को भी हटाना चाहते हैं. समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार क्षेत्र में "लोकतांत्रिक प्रक्रिया" के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और विधानसभा चुनाव कराना प्राथमिकता है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर कहा, "जम्मू-कश्मीर पर आज की बैठक बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई. सभी ने लोकतंत्र और संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की. जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने पर जोर दिया गया." शाह ने कहा, "हम जम्मू-कश्मीर के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जम्मू-कश्मीर के भविष्य पर चर्चा की गई और परिसीमन अभ्यास और शांतिपूर्ण चुनाव संसद में किए गए वादे के अनुसार राज्य का दर्जा बहाल करने में महत्वपूर्ण मील के पत्थर हैं."

जम्मू-कश्मीर पर पीएम मोदी की सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस की 5 मांगें

कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर पर सर्वदलीय बैठक के दौरान पांच मांगें उठाईं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पार्टी ने सरकार से पांच मांगें उठाई हैं. वो हैं:

1) जम्मू और कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाना चाहिए. आजाद ने कहा, "प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने संसद में उचित समय पर जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया था। हमने सरकार से कहा कि अब इसके लिए अनुकूल स्थिति है."

2) कांग्रेस ने सरकार से जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने की भी मांग की.

3) गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने भी मांग की कि कश्मीरी पंडितों की वापसी और उनके पुनर्वास को सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाने चाहिए. आजाद ने कहा, "यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है."

4) कांग्रेस ने जो चौथी मांग उठाई वह यह थी कि सरकार को उन सभी सामाजिक और राजनीतिक कैदियों को रिहा करना चाहिए, जिन्हें 5 अगस्त, 2019 को या उसके आसपास गिरफ्तार किया गया था, जब अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था.

5) इसके अलावा, कांग्रेस ने सरकार से जम्मू-कश्मीर में भूमि अधिकारों और नौकरियों पर अधिवासियों की गारंटीकृत सुरक्षा प्रदान करने की मांग की.

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