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भारतवासियों के लिए एक खुशखबरी है. देश में जल्द ही एक और देसी कोरोना वैक्सीन उपलब्ध होने वाली है. हैदराबाद बेस्ड बायोलॉजिलक ई की वैक्सीन Corbevax के थर्ड फेज का क्लीनिकल ट्रायल आखिरी दौर में है और जुलाई तक इसके खत्म होने की उम्मीद है. आइए आपको इस वैक्सीन की ख़ासियत आसान ग्राफिक्स के जरिए बता रहे हैं.

कोरोना वायरस के एक खास हिस्से से बना है Corbevax
बायोलॉजिकल ई की कोरोना वैक्सीन Corbevax कोरोना वायरस यानी SARS-CoV2 के एक खास हिस्से स्पाइक प्रोटीन से बना है. दरअसल, वायरस की बाहरी सतह पर मौजूद स्पाइक प्रोटीन उसे शरीर की कोशिका में घुसने में मदद करता है. कोशिका में घुसने के बाद वायरस व्यक्ति को संक्रमित कर बीमार कर देता है। लेकिन अगर सिर्फ स्पाइक प्रोटीन शरीर में घुसे तो यह कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता है.

होता यह है कि जब स्पाइक प्रोटीन को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है तो हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को ऐसा लगता है कि किसी वास्तविक वायरस ने हमला किया है. फिर वह एंटीबॉडी का उत्पादन शुरू कर देते हैं.




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