दिल्ली दंगा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने दी आसिफ इकबाल तन्हा, देवांगना कलिता, नताशा नरवाल को जमानत

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दिल्ली दंगा मामले में आसिफ इकबाल तन्हा, देवांगना कलिता और नताशा नरवाल को जमानत दे दी.

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यह मामला दिल्ली पुलिस की उस "बड़ी साजिश" की जांच से संबंधित है, जिसके कारण फरवरी 2020 में राजधानी के उत्तर-पूर्वी इलाके में दंगे हुए थे.दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दिल्ली दंगा मामले में आसिफ इकबाल तन्हा, देवांगना कलिता और नताशा नरवाल को जमानत दे दी. (आसिफ इकबाल तन्हा बनाम राज्य) (देवांगना कलिता बनाम राज्य) (नताशा नरवाल बनाम राज्य).

यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अनूप जे भंभानी की पीठ ने सुनाया है. कोर्ट ने माना है कि प्रथम दृष्टया, तीनों के खिलाफ वर्तमान मामले में रिकॉर्ड की गई के और आधार पर धारा 15, 17 या 18 यूएपीए के तहत कोई अपराध नहीं बनता है. जमानत 50,000 रुपये के व्यक्तिगत बांड और दो स्थानीय जमानत के अधीन है. जमानत की शर्तों में तीनों को अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा और ऐसी कोई भी गतिविधियों में शामिल नहीं होना है, जो मामले में किसी भी प्रकार की बाधा डालती हैं. आसिफ इकबाल तन्हा B.A के लास्ट का स्टूडेंट है. (ऑनर्स।) (फारसी) जामिया मिलिया इस्लामिया में कार्यक्रम.उन्हें मई 2020 में यूएपीए के तहत दिल्ली दंगों के मामले में गिरफ्तार किया गया था और तब से लगातार हिरासत में है. नताशा नरवाल और देवांगना कलिता जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में विद्वान हैं, जो पिंजरा तोड़ कलेक्टिव से जुड़ी हैं. वे भी मई 2020 से हिरासत में हैं.

औपचारिकताएं पूरी करने के बाद तीनों अब जेल से चलेंगे.

दिल्ली पुलिस के अनुसार, नागरिकता संशोधन अधिनियम के बाद, तन्हा, कलिता और नरवाल ने अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ, राष्ट्रीय राजधानी में इतनी हद तक और इतनी भयावहता पैदा करने की साजिश रची कि कानून और व्यवस्था की अव्यवस्था और अशांति पैदा हो जाए. पिंजरा तोड़ के सदस्यों ने दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में महिलाओं को लामबंद किया और पूर्व नियोजित साजिश के तहत मदीना मस्जिद, सीलमपुर में 24/7 विरोध स्थल भी बनाया. समन्वित चक्का जाम और हिंसा भड़काने का दिन इस आधार पर चुना गया था. चार्जशीट में कहा गया है कि भारत सरकार के लिए इससे बड़ी अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी और कोई नहीं हो सकती थी कि एक अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा के समय राष्ट्रीय राजधानी में सांप्रदायिक दंगा हुआ हो.

कलिता और नरवाल की ओर से अधिवक्ता अदित एस पुजारी, तुषारिका मट्टू, कुणाल नेगी पेश हुए. तन्हा की ओर से एडवोकेट सौम्या शंकरन, सिद्धार्थ सतीजा, अभिनव शेखरी, नितिका खेतान के साथ सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ अग्रवाल पेश हुए. राज्य का प्रतिनिधित्व एएसजी एसवी राजू और एसपीपी अमित महाजन, अमित प्रसाद, रजत नायर ने किया.

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