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संसद के मॉनसूत्र सत्र के दौरान सदन में सरकार को कई मुद्दों पर विरोध का सामना करना पड़ रहा है. अब इसी कड़ी में सरकार की मुसीबत थोड़ी और बढ़ सकती है. हालांकि, यह मुसीबत संसद के बाहर है. बीते साल नवंबर महीने से ही दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अब ऐलान किया है कि वे 22 जुलाई यानी कल से हर दिन जंतर-मंतर पर 'किसान संसद' का आयोजन करेंगे.
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे संगठनों ने फैसला किया है कि गुरुवार से हर रोज 200 किसान जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे.
किसान नेताओं ने मंगलवार को बताया, '222 जुलाई से हर रोज 200 किसान प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर जाएंगे. यह प्रक्रिया संसद के मॉनसून सत्र खत्म होने तक जारी रहेगी. हम हर दिन एक स्पीकर और डेप्युटी स्पीकर चुनेंगे. पहले दो दिनों में एपीएमसी ऐक्ट पर चर्चा होगी. बाद में अन्य बिलों पर भी दो-दो दिन चर्चा के लिए दिए जाएंगे.'
बता दें कि किसान प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस से मुलाकात की थी. इस दौरान किसानों ने कहा था कि वे जंतर-मंतर पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेंगे और संसद तक मार्च करेंगे. जंतर-मंतर पर हर दिन सुबह 10 से शाम 5 बजे तक प्रदर्शन चलेगा. संसद का मॉनसून सत्र 13 अगस्त तक चलेगा. यह 19 जुलाई से शुरू हुआ है.
किसान संगठन बीते साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों पर केंद्र के लाए तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.




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