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दिल्ली में प्रदूषण को रोकने के लिए कई सख्त कदम उठा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल अब तक दिल्ली परिवहन विभाग ने 50 लाख से ज्यादा वाहनों पंजीकरण रद्द कर चुके हैं. आधिकारिक डेटा अनुसार जिन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है उनमें 15 साल से पुरानी कारें और 10 साल की डीजल गाड़ियां शामिल हैं. बताया जा रहा है कि 2022 में अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है.
पंजीकरण रद्द होने के बाद भी अगर कोई सख्श इस तरह के वाहन को चलाते हुए पकड़ा जाता है तो सरकार ऐसे वाहन को सीज कर लेगी. परिवहन विभाग का ऐसा करने के पीछे का लक्ष्य ऐसे वाहनों पर नकेल कसना है जो वायु प्रदूषण कर रही हैं. सरकारी डेटा के अनुसार, 2018 से 2022 यानी अब तक 53,38,045 वाहनों का पंजीकरण रद्द किया गया है. बता दें कि 17 अक्टूबर 2022 तक 50,25,447 वाहनों का रजिस्ट्रेशन कैंसल कर दिया गया है.
2018 में कोर्ट ने लिया था फैसला
बता दें कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला लिया था. जिसमें कहा गया था. दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. बता दें कि रद्द हुए पंजीकरण वाहनों में 46 लाख पेट्रोल वाहन है जो 15 साल से पुराने थे तो वहीं 4,15,362 डीजल वाहन थे जो 10 साल से पुराने थे और 1,46,681 वाहन ऐसे थे जो पेट्रोल और सीएनजी पर चलते थे. 31 जनवरी तक, दिल्ली में लगभग 13.4 मिलियन (13,402,875) पंजीकृत वाहन थे, जिनमें से 7.8 मिलियन (7866867) से अधिक को परिवहन विभाग द्वारा ‘सक्रिय’ वाहनों के रूप में वर्गीकृत किया गया है.
परिवहन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, सक्रिय वाहन वे वाहन हैं जिनका वैलिड रजिस्ट्रेशन है और जो अभी ‘एंड ऑफ लाइफ’ की उम्र तक नहीं पहुंचे हैं और शहर की सड़कों पर चलने के लिए उपयुक्त हैं. परिवहन विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक्टिव व्हीकल वह वाहन हैं जो वैध पंजीकरण वाले हैं जो दिल्ली की सड़कों पर चलने के लिए उपयुक्त हैं.
फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य
यही नहीं, निजी वाहनों के पंजीकरण के नवीनीकरण में देरी होने पर 300 रुपये हर महीने फाइन भी लगेगा. कमर्शियल वाहनों के लिए 500 रुपये प्रति माह जुर्माने का प्रावधान है. नए नियम यह भी कहते हैं कि 15 साल से पुराने निजी वाहनों को हर 5 साल में नवीनीकरण के लिए अनिवार्य करना होगा.




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