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काबुल
इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) में ट्रेनिंग लिए हुए तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई ने भारत के साथ संबंधों पर बड़ा ऐलान किया है। स्टेनकजई ने कहा है कि तालिबान भारत के साथ अफगानिस्तान के राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को जारी रखना चाहता है। काबुल पर कब्जे के बाद पहली बार तालिबान के किसी शीर्ष स्तर के नेता ने भारत के साथ संबंधों पर अपने संगठन का विचार रखा है। इससे पहले तालिबान के प्रवक्ता ही इस मुद्दे पर बोला करते थे।
तालिबान ने 46 मिनट का वीडियो जारी किया
स्टेनकजई ने अफगानिस्तान में युद्ध की समाप्ति और तालिबान की शरिया पर आधारित इस्लामी प्रशासन बनाने की योजना पर पश्तो में विस्तार से बात की है। तालिबान ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई के लगभग 46 मिनट का एक वीडियो पोस्ट किया है। उन्होंने भारत, पाकिस्तान, चीन और रूस सहित क्षेत्र के प्रमुख देशों के साथ संबंधों पर तालिबान के विचारों के बारे में भी बताया है।
भारत से संबंधों पर टॉप तालिबान नेता का पहला बयान
15 अगस्त को अफगानिस्तान में अशरफ गनी सरकार के पतन के बाद से तालिबान ने सत्ता की बागडोर संभाली हुई है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन और जबीउल्लाह मुजाहिद ने भारत के साथ संबंधों पर अपने समूह के विचारों को कई मीडिया प्लेटफार्म्स पर व्यक्त भी किया है। हालांकि, स्टेनकजई दूसरे देशों के साथ संबंधों पर बयान देने वाले तालिबान के पहले वरिष्ठ नेता हैं।
भारत के साथ सांस्कृतिक, आर्थिक और व्यापारिक संबंध जारी रखेंगे
उन्होंने कहा कि भारत इस उपमहाद्वीप के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम भारत के साथ अपने सांस्कृतिक, आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को पहले की तरह जारी रखना चाहते हैं। उन्होंने क्षेत्र में व्यापार के लिए तालिबान की योजनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि पाकिस्तान के माध्यम से भारत के साथ व्यापार हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भारत के साथ, हवाई गलियारों के माध्यम से व्यापार भी खुला रहेगा।




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