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मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान से पहले मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई है और 60 लोग घायल हो गए हैं। इस हादसे को लेकर अब जमात-ए-इस्लामी ने बुधवार के दिन दुख जताते हुए एक बड़ा बयान दिया है। हादसे में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई। साथ ही योगी सरकार से बड़ी मांग भी कर दी है।
जमात-ए-इस्लामी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आम तीर्थयात्रियों को वीआईपी के समान सुरक्षा की जरूरत है। दुख की इस घड़ी में हम शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। जमात-ए-इस्लामी उन लोगों के साथ खड़ी है, जिन्होंने अपनों को खोया है। इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवारों को शक्ति मिले ऐसी दुआ करते हैं। जमात-ए-इस्लामी ने कहा, “केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और अपनी व्यवस्थाओं में कमियों को तुरंत दूर करना चाहिए। आम तीर्थयात्रियों को वीआईपी और विशेष अतिथियों के समान देखभाल और सुरक्षा की जरूरत है। जमात-ए-इस्लामी अधिकारियों से भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए सुधारात्मक उपाय करने का आग्रह करता है।”
मरने वालों में कई राज्य के लोग शामिल
इसके अलावा हादसे को लेकर डीआईजी का कहना है, "मरने वालों में अन्य राज्य के भी लोग शामिल है। कर्नाटक से चार, असम से एक और गुजरात से एक। कुछ घायलों को उनके परिवार के लोग लेकर चले गए है। श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए अमृत स्नान में विलंब हुआ।" मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं के स्नान का क्रम लगातार जारी है। रात 8 बजे तक 7 करोड़ 64 लाख श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। 10 लाख कल्पवासियों और 7 करोड़ 54 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। महाकुंभ में 29 जनवरी तक 27 करोड़ 58 लाख श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं।




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