Kabul: पहली बार बोला तालिबान, महिलाओं को मिलेंगे अधिकार

अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा जमाने के बाद मंगलवार को तालिबान ने पहली बार राजधानी काबुल से पूरी दुनिया को संबोधित किया.

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अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा जमाने के बाद मंगलवार को तालिबान ने पहली बार राजधानी काबुल से पूरी दुनिया को संबोधित किया. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का वादा किया, लेकिन कहा कि यह इस्लामी कानून के मानदंडों के भीतर किया जाएगा. उन्होंने यह भी वादा किया कि अफगानिस्तान की बागडोर संभालने के बाद तालिबान लड़ाके देश की रक्षा करेंगे. जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि लड़ाके किसी से बदला नहीं लेना चाहते और सभी को बख्शा गया है.

'महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा'

जबीउल्लाह मुजाहिद सालों से गुपचुप तरीके से विद्रोहियों की तरफ से बयानबाजी कर रहा है. मुजाहिद ने अपने बयान में कहा कि वह इस्लाम के आधार पर महिलाओं को उनका हक दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि महिलाएं स्वास्थ्य क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में जहां जरूरत हो वहां काम कर सकती हैं और उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा. आपको बता दें कि तालिबान के पिछले शासन के दौरान महिलाओं के जीवन और अधिकारों पर सख्त प्रतिबंध देखे गए थे. ऐसे में तालिबान प्रवक्ता के इस बयान को बेहद अहम माना जा रहा है.

'निजी मीडिया पर प्रतिबंध नहीं लेकिन...'

मुजाहिद ने यह भी कहा कि तालिबान चाहता है कि निजी मीडिया "मुक्त" हो, लेकिन विशेष रूप से रेखांकित किया कि पत्रकारों को "देश के मूल्यों के खिलाफ कार्य नहीं करना चाहिए. मुजाहिद ने कहा कि उनके पास 3 सुझाव हैं जिन्हें निजी मीडिया को लागू करना होगा. इनका वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि पहला सुझाव यह है कि कोई भी प्रसारण इस्लामी मूल्यों के विपरीत नहीं होना चाहिए. दूसरा, मीडिया को निष्पक्ष होना चाहिए और तीसरा, किसी को भी ऐसा कुछ भी प्रसारित नहीं करना चाहिए जो हमारे राष्ट्रीय हित के खिलाफ हो.

'देश की अर्थव्यवस्था में होगी सुधार'

मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश को निशाना बनाने के लिए नहीं होने देगा. तालिबान ने भी साल 2020 में अमेरिका के साथ हुए समझौते में यह वादा किया था. इस समझौते के बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का रास्ता साफ हो गया था. कई अफ़गानों को डर है कि तालिबान के आने से देश में बर्बर शासन की वापसी होगी, जैसा कि इसके पिछले शासन में देखा गया था. मुजाहिद ने कई अफगानों और विदेशी नागरिकों की मुख्य चिंताओं को दूर करने की भी कोशिश की और कहा कि आने वाले दिनों में देश की अर्थव्यवस्था और लोगों की आजीविका में सुधार होगा.

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