Hindi English
Login
Image
Image

Welcome to Instafeed

Latest News, Updates, and Trending Stories

केरल हाई कोर्ट का फैसला, सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी करने पर भी SC/ST एक्ट के दायरे में आएगी

केरल उच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति के खिलाफ ऑनलाइन की गई अपमानजनक टिप्पणी पर भी SC / ST अधिनियम के तहत विचार किया जाएगा.

Advertisement
Instafeed.org

By Jyoti | खबरें - 29 July 2022

केरल उच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति के खिलाफ ऑनलाइन की गई अपमानजनक टिप्पणी पर भी  SC / ST अधिनियम के तहत विचार किया जाएगा. हाईकोर्ट ने एक यूट्यूबर की अग्रिम जमानत याचिका पर यह फैसला खारिज कर दिया. दरअसल, याचिकाकर्ता ने एक इंटरव्यू में एसटी समुदाय की एक महिला के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसे बाद में सोशल मीडिया पर भी अपलोड कर दिया गया था.

एजेंसी के मुताबिक गिरफ्तारी के डर से यूट्यूबर ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. आरोपी ने दलील दी थी कि पीड़िता इंटरव्यू के दौरान मौजूद नहीं थी. इसलिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के प्रावधान आकर्षित नहीं होते हैं. आरोपी ने यह भी कहा कि अपमानजनक टिप्पणी तभी मानी जानी चाहिए जब वह पीड़िता की मौजूदगी में की गई हो.

याचिका का विरोध करते हुए, अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि केवल पीड़ित की उपस्थिति में की गई टिप्पणी अपमानजनक टिप्पणी होगी, जो कहना असंगत है. यदि इस तरह की व्याख्या को डिजिटल युग में अपनाया गया, तो यह कानूनी रूप से बेमानी होगी. पीड़िता के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी जानबूझकर अनुसूचित जनजाति के सदस्य का सार्वजनिक रूप से अपमान कर रहा है.

Advertisement
Image
Advertisement
Comments

No comments available.