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जानिए कहां हैं शक्तिपीठ मंदिर, इससे जुड़ी खास है कहानी

दोस्तों क्या आप जानते हैं, भारत में कितने शक्तिपीठ मंदिर है, और कहाँ कहाँ स्थित हैं. माता सती के अंग जहाँ जहाँ गिरे वहाँ शक्ति पीठ मंदिर बने. अब हम आपको बता दें कि माता सती कौन हैं.

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Image Credit: शक्तिपीठ मंदिर
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By Tarun Yadav | खबरें - 23 September 2024

दोस्तों क्या आप जानते हैं, भारत में कितने शक्तिपीठ मंदिर है, और कहाँ कहाँ स्थित हैं. माता सती के अंग जहाँ जहाँ गिरे वहाँ शक्ति पीठ मंदिर बने. अब हम आपको बता दें कि माता सती कौन हैं. और कैसे बने शक्ति पीठ मंदिर. दोस्तों आदि शक्ति का ही एक रूप माता सती भगवान शिव की पत्नी और राजा दक्ष की पुत्री हैं. जब माता सती और भगवान शिव का विवाह हुआ तो राजा दक्ष इस शादी से खुश नहीं थे. विवाह के कई साल बाद राजा दक्ष ने एक यज्ञ किया था. यज्ञ में राजा दक्ष ने सभी देवी देवताओं को आमंत्रित किया लेकिन अपनी ही बेटी सती को न्योता नहीं दिया. पिता के घर से निमंत्रण न आने के बावजूद भी माता सती ने भगवन शिव के सामने मायके जाने की ज़िद की और वे यज्ञ में शामिल होने पिता के घर भी पहुँच गयी. जिसके बाद यज्ञ में राजा दक्ष ने भगवान शिव के लिए  अपमान जनक बाते की, माता सती ये सब सह न सकी और उन्होंने अपने आप को यज्ञ की अग्नि में सौंप दिया. 

भोलेनाथ जब हो गए गुस्सा

माता सती के अग्नि में कूदने की खबर सुन कर भोलेनाथ गुस्से से आग बबूला हो गए और दुःख में डूबे शिव जी माता सती के शरीर को लेकर चल पड़े, और विनाश नृत्य करने लगे.  भगवन शंकर इतने ज्यादा दुखी थे कि वह किसी की सुन ही नहीं रहे थे. जिसके बाद  विनाश नृत्य रोकने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल करके माता सती के शरीर के टुकड़े किये, जहाँ जहाँ माता सटी के शरीर के अंग गिरे वह स्थान शक्ति पीठ गया. शक्ति पीठ के स्थानों और संख्याओं को लेकर ग्रंथों में अलग अलग बातें बातें कही गयी हैं.

1. कश्मीर या अमरनाथ. जम्मू कश्मीर के अमरनाथ में माता सती का कंठ गिरा था.

2. दूसरे नंबर पे आता है. कात्यायनी। ये मथुरा और वृन्दावन के भूतेश्वर में यहाँ केशपाश गिरा था.

3. तीसरा है विशालाक्षी : जो कि उत्तर प्रदेश में वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर है. यहाँ दाहिने कान के मणि गिरे थे. 

4. प्रयाग : जो कि उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में स्थित है. यहां माता की हाथ की अंगुलियां गिरी थीं.  

5. ज्वालामुखी : यह हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित है. यहां सती माता का जिह्वा गिरी थी.  

6. जालंध्र : जो कि पंजाब के जालंधर में है. यहां वामस्तन गिरा था.  

7. देवीकूप पीठ कुरुक्षेत्र : हरियाणा के कुरुक्षेत्र के निकट द्वैपायन सरोवर के पास स्थित है. इसे श्रीदेवीकूप भद्रकाली पीठ के नाम से मान्यता है. यहां माता का दहिना चरण गिरा था. 

8. मगध : बिहार की राजधानी पटना में स्थित पटनेश्वरी देवी को ही शक्तिपीठ माना जाता है. यहां माता की दाहिनी जंघा गिरी थी.  


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