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Teachers’ Day 2021: जानिए क्यों डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर ही मनाया जाता है शिक्षक दिवस

हर साल की तरह इस साल भी 5 सितंबर को टीचर्स डे मनाया जाता है. जानिए इसके पीछे का इतिहास क्यों इसी तारीख को हर साल भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है.

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By Asna | खबरें - 04 September 2021

हर साल की तरह इस साल भी 5 सितंबर को टीचर्स डे मनाया जाता है. इस अवसर पर सभी अपने फेवरेट टीचर्स को विश करते है और उनके प्रति अपना सम्मान व्यक्त करते हैं. वैसे यूनेस्को ने साल 1994 में 5 अक्टूबर को टीचर्स डे यानी शिक्षक दिवस की घोषणा की थी. एक ऐसा दिन जब शिक्षा के जरिए नई पीढ़ी को ज्ञान स्थानांतरित करने वालों का सम्मान हो. वहीं भारत में हर साल 5 सिंतबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. ऐसे में चलिए इसके पीछे का इतिहास क्यों इसी तारीख को हर साल भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है. 

भारत में शिक्षक दिवस

स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था. इस कारण डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन  की याद में भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है. वही सर्वपल्ली राधाकृष्णन  एक उत्कृष्ट शिक्षक थे.

आखिर क्यों सर्वपल्ली राधाकृष्णन  के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है?

भारत के राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के रूप में उनके कार्यकाल 1962 से 1967 तक के दौरान उनके छात्रों और दोस्तों ने उनसे 5 सितंबर को अपना जन्मदिन मनाने की अनुमति मांगी थी. इसके लिए डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन से काफी गुजारिश की गई थी. हालांकि डॉ राधाकृष्णन ने इस तरह के भव्य प्रदर्शन से इनकार कर दिया था. डॉ राधाकृष्णन ने इसकी जगह कहा कि उनका जन्मदिन मनाने की बजाय अगर समाज में शिक्षकों के योगदान को मान्यता देने के लिए यह दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जा सकता है. भारत में 1962 से डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है. डॉ राधाकृष्णन को 'सर' की उपाधि से सम्मानित किया गया था, लेकिन उन्होंने भारत की आजादी के बाद इसका इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया था. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने असल में कभी-भी अपने जीवन में शिक्षक बनना नहीं छोड़ा. डॉ राधाकृष्णन को नोबेल पुरस्कार के लिए कई बार नामांकित किया गया था. 1984 में राधाकृष्णन को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.



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