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पंजाब में एक बार फिर से खालिस्तान समर्थकों का उग्र रुप देखने को मिल रहा है. पंजाब में गुरुवार को थाना अजनाला कि पुलिस की तरफ से गिरफ्तार किए गए वारिस पंजाब के मुखिया अमृतपाल सिंह के साथी को रिहा करने की मांग को लेकर स्थिति तनाव पूर्ण हो गई है. अमृतपाल के समर्थकों ने पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़कर थाने में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए हैं. सभी प्रदर्शनकारी खालिस्तान समर्थक हाथों में तलवार और अन्य हथियार लेकर पुलिस से भिड़ गए. अमृतपाल के समर्थकों ने तलवार भी चलाई, जिसके चलते कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं.
समर्थकों को रोकने के लिए पुलिस ने थाना अजनाला से करीब 500 मीटर एरिया को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था. इस इलाके की सारी दुकानों को बंद कर दिया था. तनाव को देखते हुए थाने की तरफ जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया गया और बैरिकेडिंग कर दी गई. मगर अमृतपाल सिंह के साथी को रिहा करवाने की मांग को लेकर अमृतपाल के समर्थक अजनाला में एकत्रित होना शुरू हो गए. देखते ही देखते ही समर्थकों ने उग्र रुप धारण कर लिया और थाने की ओर बढ़ने लगे. पुलिस द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग को भी तोड़ दिया. प्रदर्शन कारीयों को रोकते हुए कई पुलिस कर्मी घायल हो गए.
बता दें कि खालिस्तान समर्थकों ने अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के विरोध में पुलिस स्टेशन के बाहर इकट्ठा हुए हैं. अमृतपाल सिंह 'वारिस पंजाब दे' संगठन का प्रमुख है. वह खालिस्तान के विचारों को बढ़ावा देता रहता है. अमृतसर के अजनाला थाने में घुसे खालिस्तान समर्थकों के सामने पुलिस बेबस नजर आई. अमृतपाल के समर्थकों ने हाथ में तलवार लहराते हुए थाने पर कुछ देर के लिए लगभग कब्जा कर लिया.
'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने समाचार एजेंसी से बातचीत में बताया कि लवप्रीत तूफान को सिर्फ एक राजनीतिक मकसद से FIR दर्ज की गई. उसे झूठा फंसाया जा रहा है. अमृतपाल ने कहा कि अगर पुलिस एक घंटे में मामले को रद्द नहीं करते हैं, तो आगे जो कुछ भी होगा उसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा... पुलिस को लगता है कि हम कुछ नहीं कर सकते, इसलिए उन्हें दिखाने के लिए हमने शक्ति प्रदर्शन किया है.
अमृतपाल सिंह ने पुलिस के घायल होने के सवाल पर कहा कि पुलिस कर्मियों के घायल होने की झूठी खबर फैलाई जा रही है. इस खबर में सच्चाई नहीं है. सच तो यह है कि पुलिस गिरने के बाद घायल हुए. वास्तव में हमारे साथी 10-12 लोगों को चोटें आई हैं. हम चाहते हैं कि 24 घंटे के भीतर तूफान सिंह को रिहा किया जाए.
भारी पुलिस के बाद भी नहीं रुके समर्थक
बता दें कि इस प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. करीब छह जिलों से भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई थी. इलाके में फ्लैग मार्च निकाला जा रहा था. इसकी अगुवाई एसएसपी खुद कर रहे थे. बावजूद इसके खालिस्तान समर्थकों की भीड़ के आगे पुलिस काबू कर पाने में असफल दिखी.
SIT का गठन किया गया; पुलिस कमिश्नर
अमृतसर के पुलिस कमिश्नर, जसकरन सिंह ने बताया कि अभी जो FIR हुई है उसके एवज़ में ये लोग यहां आए और इन्होंने हमें गिरफ्तार व्यक्ति (लवप्रीत तूफान) के बेगुनाही के पर्याप्त सबूत दिए हैं. SIT का गठन किया गया है और वह इस मामले की जांच करेगी.




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