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AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार के बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की जेल से रिहाई पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने बिहार सीएम नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा, बिहार सरकार के फैसले से यह दूसरी बार कृष्णैया की हत्या है. इस मामले में बिहार की आईएएस असोसिएशन चुप है. आखिर क्या वजह है कि नीतीश कुमार एक आदमी को छोड़ने के लिए कानून में संशोधन कर रहे हैं?
आप 2024 में दलित समुदाय से क्या बोलेंगे: ओवैसी
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, बिहार के सीएम नीतीश कुमार पूरे देश में विपक्षी एकता के नाम पर घूम रहे हैं और खुद को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बता रहे हैं. आप 2024 में दलित समुदाय को बोलेंगे कि आपने एक दलित अफसर की हत्या करने वाले व्यक्ति को छोड़ दिया.
बिहार सरकार के फैसले से जी कृष्णैया दोबारा हत्या; ओवैसी
ओवैसी ने कहा, IAS अफसर जी कृष्णैया की मॉब द्वारा हत्या कर दी गई थी और आज बिहार सरकार ने जो फैसला लिया है. उससे जी कृष्णैया दोबारा हत्या की जा रही है. CM नीतीश कुमार और RJD नेता तेजस्वी यादव यह भूल रहे हैं कि उस समय किसकी सरकार थी. क्या लालू यादव उस समय जी कृष्णैया की पत्नी से मिले थे? आखिर क्या वजह है कि एक आदमी को छोड़ने के लिए आप कानून में संशोधन कर रहे हैं?.
जी कृष्णैया की हत्या का हमें भी दर्द है: लवली आनंद
वहीं, आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद ने समाचार एजेंसी से बातचीत में बताया कि, जी कृष्णैया की हत्या का हमें भी दर्द है. यह घटना आनंद मोहन के सामने होती तब वे कभी ऐसा नहीं होने देते. लवली ने बिहार सरकार का और समर्थकों का आभार जताया. उन्होंने कहा, हम ईश्वर, बिहार सरकार और अपने समर्थकों का आभार व्यक्त करते हैं. खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकते...जी कृष्णैया की हत्या का हमें भी दर्द है. अगर यह घटना आनंद मोहन के सामने होती तब वे कभी ऐसा नहीं होने देते. हम उनकी रक्षा करने की पूरी कोशिश करते.
1994 में हुई जी कृष्णैया हत्या
बता दें कि, आनंद मोहन सिंह पर 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. आनंद मोहन सिंह द्वारा कथित रूप से उकसाई गई भीड़ द्वारा कृष्णैया की हत्या कर दी गई थी. उन्हें उनकी आधिकारिक कार से बाहर खींच लिया गया और पीट-पीट कर मार डाला गया. वहीं बिहार सरकार ने जेल की नियमावली में बदलाव कर बाहुबली और राजनेता आनंद मोहन समेत 27 अन्य लोगों की रिहाई का रास्ता साफ किया है. इसी को लेकर ओवैसी ने भी कई सवाल खड़े किए हैं. विपक्ष भी बीजेपी भी इस मुद्दे को लेकर नीतीश को घेर रही है.




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