संसद गूंज उठा था तालियों से जब 1893 में स्वामी विवेकानंद ने सबके सामने कही थी ये बात

12 जनवरी यानी स्वामी विवेकानंद की जयंती के दिन राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है आइए विवेकानंद जयंती के मौके पर जानते हैं उनसे जुड़ी प्रमुख बातें जिनके बारे में शायद ही आप लोग जानते होंगे।

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12 जनवरी यानी स्वामी विवेकानंद की जयंती के दिन राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। युवा पीढ़ी किसी भी देश का भविष्य होती है। युवाओं पर ही देश का भविष्य निर्भर करता है।  वही हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का एकमात्र उद्देश्य यही था कि देश की युवा पीढ़ी को सही मार्गदर्शन मिल सकें। मनाया जाता है कि स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और विचारों से देश की हर युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है। यही नहीं राष्ट्रीय युवा दिवस को देशभर में बड़े ही जोश और उल्लास से मनाया जाता है। 

पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया युवाओं को संबोधित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर  दूसरे राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के समापन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रीय युवा संसद समारोह आयोजित किया जाता है जो हमारे संविधान के निर्माण का गवाह था। वही विवेकानंद की जयंती का ये दिन हम सभी को नई प्रेरणा देता है। इसके साथ ही आज का दिन इसलिए खास हो गया है कि इस बार युवा संसद देश की संसद के सेंट्रल हॉल में हो रही है। ये सेंट्रल हॉल हमारे संविधान के निर्माण का गवाह है। स्वामी विवेकानंद ने प्रत्येक बच्चे में आशा की एक किरण देखी जो राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सकता है उन्होंने युवाओं की शक्ति के सही उपयोग पर बहुत जोर देने के साथ-साथ दुनिया के युवाओं को शिक्षा और शांति से प्रभावित किया है। आइए विवेकानंद जयंती के मौके पर जानते हैं उनसे जुड़ी प्रमुख बातें जिनके बारे में शायद ही आप लोग जानते होंगे।

1. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी साल 1863 को कलकत्ता में हुआ था। वही स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। उनके पिता विश्वनाथ दत्त उच्च न्यायालय के वकील थे और माता भुवनेश्वरी देवी धार्मिक विचारों को मानने वाली थीं।

2. स्वामी विवेकानंद 1871 में आठ साल की उम्र में स्कूल गए। 1879 में उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज की प्रवेश परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

3. स्वामी विवेकानंद 25 साल की उम्र में एक संन्यासी बन गए थे। वही संन्यास लेने के बाद उनका नाम विवेकानंद रखा गया।

4. गुरु रामकृष्ण परमहंस ने 1881 में स्वामी विवेकानंद से कालका के दक्षिणेश्वर काली मंदिर में मुलाकात की। परमहंस ने उन्हें एक मंत्र दिया कि सारी मानवता में निहित ईश्वर की सचेतन आराधना ही सेवा है।

5. शिकागो धर्म संसद में जब स्वामी विवेकानंद ने 'अमेरिका के भाइयों और बहनों' कहकर भाषण शुरू किया तो दो मिनट तक पूरे ऑडिटोरियम में तालियां बजती रहीं। वही 11 सितंबर 1893 का यह दिन हमेशा-हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो गया।

6. स्वामी विवेकानंद ने कोलकाता गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की।

7. स्वामी विवेकानंद के जन्म दिन यानी 12 जनवरी को भारत में हर साल राष्ट्रीय यूथ दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1985 से हुई थी। 

 8. विवेकानंद को दमा और डायबिटीज जैसी कई बीमारियां थी। वही इन बीमारियों का पता चलने पर उन्होंने कह दिया था- 'ये बीमारियां मुझे 40 साल भी पार नहीं करने देंगी।'

9.स्वामी विवेकानंद ने 4 जुलाई 1902 को बेलूर स्थित रामकृष्ण मठ में ध्यान साधना के वक्त ही महासमाधि धारण कर ली।

10. स्वामी विवेकानंद का बेलूर में गंगा के किनारे उनका अंतिम संस्कार किया गया औरउसी तट के दूसरी ओर रामकृष्ण परमहंस का अंतिम संस्कार किया गया था।


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