"मुझे फर्क नहीं पड़ता मैं संसद के अंदर हूं या बाहर हूं" प्रेस कॉफ्रेंस में बोले राहुल गांधी

कांग्रेस नेता ने कहा, ''मुझे सच्चाई के अलावा किसी चीज में दिलचस्पी नहीं है. मैं केवल सच बोलता हूं, यह मेरा काम है और मैं इसे करता रहूंगा चाहे मैं अयोग्य हो जाऊं या गिरफ्तार हो जाऊं.

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कांग्रेस नेता की लोकसभा सदस्यता अयोग्य घोषित होने के बाद राहुल गांधी ने शनिवार दोपहर 1 बजे पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉफ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, मैंने कई बार बोला है कि हिन्दुस्तान में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है. इसके हमें रोज नए-नए उदाहरण मिल रहे हैं...मैंने संसद में सबूत दिए, अडानी और PM मोदी के रिश्ते के बारे में बोला. अडानी को नियमों में बदलाव करके एयरपोर्ट दिए गए, इसपर मैंने संसद में बात की.

बीजेपी से मुझे डर नहीं लगता: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि मैं सरकार से सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा. अडानी का नरेंद्र मोदी से क्या रिश्ता है? इन लोगों से मुझे डर नहीं लगता. इनको लगता है कि मेरी सदस्यता रद्द करके, डराकर, धमकाकर, जेल भेजकर मुझे बंद कर सकते हैं. मैं हिन्दुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा.

फर्क नहीं पड़ता संसद में रहूं या बाहर 

राहुल गांधी ने आगे कहा, मुझे फर्क नहीं पड़ता की मैं संसद के अंदर हूं या बाहर हूं. मुझे अपनी तपस्या करनी है, मैं उसे करके दिखाऊंगा. उन्होंने कहा भारत जोड़ो यात्रा की मेरी कोई भी स्पीच देख लीजिए, मैंने हमेशा कहा है कि सब समाज एक हैं. नफरत, हिंसा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा ये OBC का मामला नहीं है, ये नरेंद्र मोदी और अडानी के रिश्ते का मामला है. भाजपा ध्यान को भटकाने का काम करती है, कभी OBC की बात करेगी, कभी विदेश की बात करेगी. 

सच्चाई के अलावा किसी चीज में दिलचस्पी नहीं

कांग्रेस नेता ने कहा, ''मुझे सच्चाई के अलावा किसी चीज में दिलचस्पी नहीं है. मैं केवल सच बोलता हूं, यह मेरा काम है और मैं इसे करता रहूंगा चाहे मैं अयोग्य हो जाऊं या गिरफ्तार हो जाऊं. इस देश ने मुझे सब कुछ दिया है और इसलिए मैं ऐसा करता हूं.''

सूरत की अदालत ने सुनाई सजा

गुरुवार को सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को 'मोदी सरनेम' पर टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ दायर मानहानि के मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई. इसके साथ ही अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए 30 दिन के लिए उनकी सजा पर रोक भी लगा दी, ताकि वे शीर्ष अदालतों में अपील दायर कर सकें.

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