तवांग झड़प पर राजनाथ सिंह का बयान, कहा- सीमा पर चीनी सेना ने यथास्थिति बदलने की कोशिश की, हमारे सैनिकों ने उन्हें पीछे धकेल दिया

तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच एक बार फिर हिंसक झड़प हुई है. पहले गलवान इलाके में चीन ने भारतीय सैनिकों के साथ झड़प की जिसमें उसे मुंह की खानी पड़ी और अब अरुणाचल के तवांग में झड़प सामने आई है.

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अरुणाचल प्रदेश के तवांग में  भारत और चीन के सैनिकों के बीच एक बार फिर हिंसक झड़प हुई है. पहले गलवान इलाके में चीन ने भारतीय सैनिकों के साथ झड़प की जिसमें उसे मुंह की खानी पड़ी और अब अरुणाचल के तवांग  में झड़प सामने आई है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लगातार तनाव बना हुआ है. 

इस बीच भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प को लेकर संसद में विपक्षी दल हंगामा जारी है और विपक्ष पीएम नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग पर अड़ा है. इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह  ने पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में बयान दिया. रक्षा मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि सीमा पर चीनी सैनिकों के साथ हाथापाई हुई, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया. रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन ने सीमा पर यथास्थिति बदलने की कोशिश की, लेकिन हमारे सैनिकों ने बहादुरी दिखाते हुए उन्हें पीछे धकेल दिया.

रक्षा मंत्री ने लोकसभा में दिया बयान 

तवांग में हुई झड़प पर राजनाथ सिंह  ने लोकसभा में कहा, 'मैं इस गरिमामयी सदन को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हमारी सीमा पर 9 दिसंबर 2022 को हुई एक घटना के बारे में अवगत कराना चाहूंगा. 9 दिसंबर 2022 को PLA ट्रूप ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से एरिया में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया. चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया. इस दौरान हाथापाई हुई. भारतीय सेना ने बहादुरी से PLA को हमारी सीमा में अतिक्रमण करने से रोका और उन्हें उनकी पोस्ट पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया. 

जाने क्या है भारत और चीन के बीच  सीमा विवाद ?

भारत और चीन के बीच करीब 3,488 किमी लंबी सीमा लगती है. इसे एलएसी यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा कहा जाता है. ये सीमा तीन हिस्सों में बंटी हुई है. इसे तीन सेक्टर्स- ईस्टर्न, मिडिल और वेस्टर्न में बांटा गया है. इनमें से ईस्टर्न सेक्टर करीब 1346 किमी लंबा है. इसमें अरुणाचल और सिक्किम का इलाका लगता है. मिडिल सेक्टर में हिमाचल और उत्तराखंड के बीच करीब 545 किमी की सीमा चीन के साथ लगती है. वहीं, वेस्टर्न सेक्टर में लद्दाख के साथ 1,597 किमी लंबी सीमा लगती है. अरुणाचल प्रदेश को चीन दक्षिणी तिब्बत बताते हुए इसे अपनी जमीन होने का दावा करता है. तिब्बत को भी चीन ने 1950 में हमला कर अपने में मिला लिया था. भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, चीन अरुणाचल प्रदेश की करीब 90 हजार वर्ग किलोमीटर पर अपना दावा करता है.

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