Hindi English
Login
Image
Image

Welcome to Instafeed

Latest News, Updates, and Trending Stories

तेलंगाना टनल हादसा: 70 घंटे बाद भी फंसे मजदूर लापता, बचाव कार्य में बढ़ी मुश्किलें

तेलंगाना के नागरकुर्नूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल हादसे में 8 मजदूरों के फंसे होने की खबर से हड़कंप मचा हुआ है। 70 घंटे से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन बचाव कार्य में मलबा और पानी सबसे बड़ी बाधा बने हुए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, टनल अस्थिर हो चुकी है, जिससे बचाव अभियान में नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं।

Advertisement
Image Credit: google
Instafeed.org

By Shraddha Singh | Delhi, Delhi | खबरें - 25 February 2025

 तेलंगाना के नागरकुर्नूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल हादसे में फंसे 8 मजदूरों को निकालने के प्रयास लगातार विफल हो रहे हैं। लगातार घुसते पानी और धंसते मलबे के कारण बचाव दल को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मलबे की दीवार पहले से एक मीटर और बढ़ चुकी है, जिससे टनल अस्थिर हो गई है और अधिक खुदाई बचाव दल के लिए भी खतरनाक हो सकती है।

बचाव दल अब मजदूरों से मात्र 50 मीटर दूर है, लेकिन हर मिनट 3200 लीटर पानी टनल में भरने से स्थिति और गंभीर हो गई है। पानी निकालने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन कीचड़ और गाद बचाव अभियान में बाधा बन रही है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जल्दबाजी में किया गया कोई भी कदम और नुकसान पहुंचा सकता है।

बचाव कार्य में तकनीक का सहारा

  • एलएंडटी टीम ने एंडोस्कोपिक और रोबोटिक कैमरों से मलबे के नीचे की स्थिति जानने की कोशिश की।
  • सरकार ने नेशनल रिमोट सेंसिंग एजेंसी और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण से टनल की स्थिरता का विश्लेषण करने के लिए डेटा मांगा है।
  • विशेषज्ञों की टीम ने टनल का भू-सर्वेक्षण कर सैंपल लैब भेजे हैं, जिससे आगे की रणनीति तय की जाएगी।
  • मोबाइल सिग्नल ट्रैकिंग के जरिए मजदूरों की संभावित लोकेशन का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
  • बचाव दल में 584 विशेषज्ञ कर्मी और 14 विशेष प्रशिक्षित 'रैट-होल माइनर्स' तैनात हैं।

नई मुश्किलें सामने आईं

  • एनडीआरएफ की टीम के आवागमन के लिए इस्तेमाल की जा रही कन्वेयर बेल्ट क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे इसका टूटने का खतरा बढ़ गया है।
  • टनल में प्रवेश के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग के प्रस्ताव को सुरक्षा कारणों से खारिज कर दिया गया है।
  • 5 गैस-कटिंग मशीनें 24 घंटे चल रही हैं, जो टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) को काटने का काम कर रही हैं।
  • स्निफर डॉग स्क्वाड भी राहत कार्य में लगाया गया है।

70 घंटे से ज्यादा बीते, मजदूरों के बचने की उम्मीद कम

टनल का एक हिस्सा 22 फरवरी को धंस गया था, जिसके बाद से बचाव कार्य जारी है। लेकिन अब तक मजदूरों की कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। तेलंगाना सरकार के मंत्री जे कृष्णा राव ने संकेत दिए हैं कि मजदूरों के जीवित बचने की संभावना बेहद कम है।

Advertisement
Image
Advertisement
Comments

No comments available.