Story Content
उत्तराखंड में 27
जनवरी से यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू हो गया है। अब राज्य के सभी नागरिकों पर एक ही कानून लागू
होगा। उत्तराखंड UCC लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है।
CM पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि यह कानून सभी पर
एकसमान अधिकार और जिम्मेदारियों सुनिश्चित करते हुए समजा में एकरुपता लेकर आएगा।
इस मौकें पर CM पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज का दिन पूरे भारत
के लिए ऐतिहासिक दिन है। आज से सभी धर्म की महिलाओं के लिए एकसमान अधिकार लागू होगा साथ कि इससे समाज में बालविवाह, बहुविवाह और तीन तलाक जैसी
कुप्रथाओं पर रोक लगा दी जाएगी।
UCC लागू करने से उत्तराखंड में क्या बदलवा होगे?
UCC लागू होने के बाद से शादी के लिए लड़की की उम्र
18 साल और लड़के की उम्र 21 साल होनी चाहिए यादि दोनों में से कोई एक व्यक्ति शादी
शुदा है और उसका लाइनपार्टर है तो वह शादी नहीं कर सकता है।
60 दिन के अंदर शादी
का रजिस्ट्रेशन
एक्ट लागू होने के
बाद की शादियों को 60 दिन के अंदर रजिस्टर करना होगा। सभी अपने रीति-रिवाज से शादी
कर सकते है उनमें कोई बदलाव नहीं है CM का कहना है कि इससे
विवाह विच्छेद और उत्तराधिकार में समानता आएगी। ये रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन भी कर सकते
हैं। जिनकी शादियाँ 27 मार्च 2010 से हुई हैं। उन सबको रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
इसके लिए 6 महीने का समय दिया गया है।
लिव-इन रिलेशनशिप का
रजिस्ट्रेशन
UCC के तहत लिव इन रिलेशनशिप मे रहने के लिए कपल को
रजिस्ट्रेशन करना होग और माता पिता कि सहमति लेनी होगी साथ ही रिलेशन खत्म होने के
बाद भी रजिस्टार को बताना होगा। यदि आप बिना रजिस्ट्रेशन के एक महीने तक लिव-इन
में रहते है तो आपको 10 हजार का जुर्माना लगेगा।
लिव-इन में जन्मा लेना वाले बच्चें को समान अधिकार
CM का कहना है कि लिव –इन में जन्मे बच्चे को उस
कपल का ही बच्चा माना जाएगा और उसे सभी अधिकार प्राप्त होगे। इसका उदेश्य किसी का
हनन करना नहीं बल्कि उनकी सुरक्षा करना हैं।
हलाला बहु विवाह पर
रोक
UCC ने इस्लाम धर्म में प्रचलित इस प्रथा पर रोक लगा
दी है। उत्तराखंड में रहने वाले इस्लामी धर्म के लोग इस प्रथा का पालन नहीं करेगे।
साथ ही बहुविवाह पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
दूसरे धर्म का बच्चा
लेने पर रोक
UCC में कोई भी व्यक्ति किसी और धर्म का बच्चा गोद
नहीं ले सकता। वह केवल अपने धर्म का ही बच्चा गोद ले सकता है।
घर की संपत्ति पर
बेटा और बेटी दोनों का हक होग।
UCC में पिता की संपत्ति पर बेटा और बेटी दोनों का
हिस्सा बराबर होगा और ये नियम सभी धर्में पर भी लागू होग। लिव-इन रिलेशनशिप में
जन्मे बच्चे का भी संपति पर उतना ही अधिकार होगा।
माता पिता को संपत्ति का अधिकार
किसी व्यक्ति की
मुत्यु हो जाने के बाद पत्नी और बच्चों के साथ माता पिता का भी संपत्ति में समान अधिकार मिलेग।
अनुसूचित जनजातियां UCC से बाहर
भारतीय संविधान
अनुच्छेद 342 में ऱखी अनुसूचित जनजातियों को उनके रीति-रिवाजों के संरक्षण के तहत UCC से बाहर रखा गया है। इसके साथ ही ट्रांसजेंडर की
परंपराओ में भी कोई बदलाव नहीं है।
कैसे लागू हुआ UCC
27 मई 2022 - UCC पर विशेषज्ञ समिति का गठन
2 फरवरी 2024 - UCC पर रिपोर्ट प्रस्तुत
8 फरवरी 2024 -
राज्य विधानसभा द्वारा अधिनियम अनुमोदित
8 मार्च 2024 - भारत की राष्ट्रपति द्वारा अधिनियम अनुमोदित
12 मार्च 2024 - UCC उत्तराखंड अधिनियम जारी
18 अक्टूबर 2024 - UCC नियम प्रस्तुत
27 जनवरी 2025 – UCC लागू




Comments
Add a Comment:
No comments available.