1983 में भारत का पहला वर्ल्ड कप (1983 world cup) जिताने वाले हीरोज के नाम में एक नाम यशपाल शर्मा (Yashpal Sharma)का भी था. भले ही आज वह हम सबके बीच में नहीं रहे, लेकिन उनका योगदान भारतीय क्रिकेट में हमेशा याद किया जाता है. पिछले महीने 13 जुलाई को हार्ट अटैक के चलते उनका निधन हो गया था. आज 11 अगस्त को उनका जन्मदिन होता है. वह 1970 और 80 के बीच भारतीय क्रिकेट टीम के धुआंधार बल्लेबाज थे. उन्होंने भारत के लिए 37 टेस्ट और 42 वनडे इंटरनेशनल मैच भी खेले है.
आइए उनके जन्मदिन पर याद करते है उनकी लाइफ से जुड़े कुछ अनसुने किस्से
यशपाल शर्मा के जन्म 11 अगस्त 1954 पंजाब के लुधियाना शहर में हुआ था. वह 1978 से 1985 तक एक भारतीय क्रिकेटर और साल 2003 से 2006 तक भारतीय क्रिकेट टीम के सिलेक्टर भी रह चुके हैं. यशपाल ने 1979 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया. वहीं, 1978 में सियालकोट में पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने अपना पहला वनडे मैच खेला था. 1985 में उन्होंने अपने करियर का आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला.
1978 में यशपाल जब अपने करियर के शुरुआती दौर में पंजाब टीम की तरफ से रणजी ट्रॉफी का मैच खेल रहे थे, तो दिलीप कुमार वह मैच देखने आए थे. उनकी बैटिंग के बाद दिलीप कुमार उनसे मिलने पहुंचे और कहा कि तुम बहुत अच्छा खेलते हो, इसके बाद उन्होंने बीसीसीआई में राजसिंह डुंगरपुर से बात की और यशपाल शर्मा को भारतीय टीम में जगह मिली. वह 1983 वर्ल्ड कप के हीरो रहे थे. उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ एक मैच में 89 रन की शानदार पारी खेली थी. इस मैच के बाद ही सभी को उम्मीद जागी थी, कि भारत पहली बार वर्ल्ड कप जीतेगा और भारत ने इतिहास रचते हुए विश्व कप अपने नाम किया.
यशपाल ने भारत के लिए 37 टेस्ट और 42 वनडे मैच खेले है. जिनमें उनके नाम टेस्ट मैचों में 1606 रन और वनडे मैचों में 883 रन है. उनका बेस्ट स्कोर 140 रहा और उन्होंने टेस्ट करियर में कुल 2 अर्धशतक और 9 अर्धशतक भी लगाए थे.
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