यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा, 10 लाख का जुर्माना

टेरर फंडिंग मामले के दोषी यासीन मलिक को एनआईए की विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है.

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दोषी यासीन मलिक ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार कर लिया है. जिसके बाद कोर्ट ने सजा पर फैसला सुनाते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही 10 लाख का जुर्माना भी लगाया.

10 लाख रुपये का जुर्माना
टेरर फंडिंग मामले के दोषी यासीन मलिक को एनआईए की विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. जागरण संवाददाता गौरव बाजपेयी के मुताबिक, यासीन ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को स्वीकार करने के बाद एनआईए की विशेष अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया. हुर्रियत नेता और प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख को गुरुवार को एक अदालत ने 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में दोषी ठहराया था.

नही मांगूंगा माफी
यासीन मलिक ने कहा कि अगर मैं 28 साल में किसी आतंकी गतिविधि या हिंसा में शामिल रहा हूं. अगर भारतीय खुफिया एजेंसी यह साबित कर देती है तो मैं भी राजनीति से संन्यास ले लूंगा. मैं फांसी स्वीकार करूंगा, माफी नहीं मांगूंगा. मैंने सात प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी  ने टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक को मौत की सजा देने की मांग की है. सजा का फैसला आने से पहले यासीन मलिक के घर के बाहर लोगों ने सुरक्षाबलों पर पथराव किया और नारेबाजी भी की. हंगामा बढ़ने पर सुरक्षाबलों ने फायरिंग की और आंसू गैस के गोले दागे.


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