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होलाष्टक में इन देवी-देवताओं की पूजा से उतरेंगे सारे पुराने कर्ज, जानिए किन चीजों से बनाएं दूरियां

आज यानी 22 मार्च से लग चुका है होलाष्टक। जानिए किन देवी-देवताओं के पाठ से उतरेंगे पुराने कर्ज, इन चीजों को करने से रहें आप दूर।

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By Deepakshi | लाइफ स्टाइल - 22 March 2021

होली के कुछ दिन पहले से आज यानी 22 मार्च को होलाष्टक लग चुका है। जोकि 28 मार्च को खत्म होगा। इस दौरान ऐसा कहा जाता है कि किसी भी तरह का मांगलिक काम नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा ये मान्यता भी है कि होलाष्टक में घर के लिए कोई भी नई चीज तक नहीं खरीदी जाती है। इस दौरान गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, भूमि पूजन या किसी नए काम की नींव नहीं रखी जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस दौरान कुछ उपाय करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ये उपाय निम्न प्रकार से दिए गए हैं- 

- मान्यता के मुताबिक होलाष्टक में आपको भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए। यह उपाय करने से जातकों को असाध्य रोग से मुक्ति  मिल जाती है। इस वक्त में आपको ईश्वर का ध्यान, भजन, जत-तप, स्वाध्याय व वैदिक अनुष्ठान करना चाहिए ताकि आपकी सारी परेशानी खत्म हो जाए।

- यदि आप अपने जीवन में आर्थिक परेशानी झेल रहे हैं तो होलाष्टक के वक्त श्रीसूक्त या फिर मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का आप पाठ करवा सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस उपाय को करने से आपके ऊपर जीतना भी कर्ज होता है वो उतर जाता है। इसके अलावा आपकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है। 

- किसी छात्र का यदि पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है। तो आप होलाष्टक के दौरान लड्डू गोपाल की विधि विधान से पूजन करें। पूजा के वक्त उन्हें गाय के शुद्ध घी और मिश्री का भोग आपको लगाना चाहिए। ऐसा करने से संतान की प्राप्ति भी होती है। 

- इसके साथ ही मान्यता ये भी है कि होलाष्टक में आप हनुमान चालीसा और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना काफी फायदेमंद लाभ पहुंचाने वाला माना जाता है। इस उपाय को करने से जीवन में खुशियों का वास होता है। साथ ही सारी परेशानियां दूर भी होती है।

ज्योतिषीय कारण से क्यों होलाष्टक माना जाता है अशुभ

ज्योतिष शास्त्र की माने तो फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, इसके अलावा एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा तिथि को राहु उग्र स्वभाव के हो जाते हैं। इन तमाम ग्रहों की वजह से मानव मस्तिष्क की फैसले लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है, जिसके चलते आपको हानि होने की अधिक संभावनाएं है।

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