जानें कितनी खतरनाक होती है पित्ताशय की पथरी, समय रहते पहचाने इसके लक्ष्ण

महिलाओं और बुजुर्गों को पित्त की पथरी की सबसे ज्यादा परेशानी करती है। पित्ताशय की पथरी के कारण दर्द, सूजन, संक्रमण और यहां तक कि कैंसर जैसी घातक बीमारी भी हो सकती है।

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पित्ताशय की पथरी ( गॉलब्लेडर स्टोन) को पित्त की पथरी भी कहा जाता है। बदलती जीवनशैली के कारण कई लोग इसका शिकार हो रहे हैं। खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को पित्त की पथरी की सबसे ज्यादा परेशानी करती है। पित्ताशय की पथरी के कारण दर्द, सूजन, संक्रमण और यहां तक कि कैंसर जैसी घातक बीमारी भी हो सकती है। यही नहीं पित्त की थैली में पथरी का तब तक पता नहीं चलता जब तक कि वो दर्दनाक नहीं हो जाती है। इसलिए वक्त रहते पित की पथरी का उपचार जरूरी है वरना यह घातक भी हो सकती है। ऐसे में हम आपको बताएगें की पित्त की पथरी होने के क्या कारण है और इससे कैसे बचा जा सकता हैं। 

पित्ताशय का कार्य

लीवर और पित्ताशय के बीच पित्त नलिका नामक एक छोटी नली होती है जिसके माध्यम से यह पित्त को पित्ताशय की थैली तक पहुंचाती है। जब भोजन किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है तो यह मूत्राशय एक एटमाइज़र की तरह पित्त को खींचता है और इसे छोटी आंत के ऊपरी हिस्से में भेज देता है जिसे पित्ताशय कहा जाता हैं।

पित्ताशय की पथरी क्या हैं

गॉल ब्लैडर से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण समस्या पाचन के लिए आवश्यक एंजाइम को सुरक्षित करने वाला महत्वपूर्ण अंग है।इसमें पत्थर बनने की बहुत अधिक संभावना है जिसे पित्त पथरी कहा जाता है। वास्तव में जब पित्ताशय की थैली में तरल पदार्थ की मात्रा कम होने लगती है तो इसमें मौजूद शूगर-नमक और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व मिलकर छोटे पत्थर के टुकड़े बन जाते हैं जिन्हें पित्त पथरी कहा जाता है।


पित्ताशय की पथरी के कारण क्या हैं

पित्ताशय की पथरी किसी भी उम्र में हो सकती है। वही यहां कुछ कारण दिए गए है जो पित्त पथरी होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं जैसे कि-

डायबिटीज

मोटापा

गर्भावस्था

सर्जरी के कारण

दवाओं के कारण

लंबे समय से किसी बीमारी से पीड़ित होने के कारण

पित्ताशय की पथरी के लक्षण 

पेट के दाहिने तरफ ऊपरी भाग में तेज दर्द होना

बुखार

पीलिया

उल्टी या मितली की समस्या

पेट फूलने की समस्या

माइग्रेन।

पित्ताशय की पथरी को कैसे रोकें

- पित्त की पथरी में गाजर और ककड़ी के रस की 100 मिलीलीटर मात्रा मिलाकर दिन में दो बार पीने से लाभ होता है।

- खाली पेट पर एक सप्ताह के लिए हर सुबह खाली पेट 50 मिलीलीटर नींबू पानी पीना काफी फायदेमंद  होता है।

- शराब, सिगरेट, चाय, कॉफी और  शूगर युक्त ड्रिंक हानिकारक हैं। इनसे जितना हो सके इन सबका सेवन करने से बचने की कोशिश करें।

- विटामिन सी यानी एस्कॉर्बिक एसिड के उपयोग से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। यह कोलेस्ट्रॉल को पित्त में परिवर्तित करता है। रोजाना तीन से चार गोलियां लेना फायदेमंद है।

- पित्ताशय की पथरी के मरीज को भोजन में हरी सब्जियाँ और फल अधिक से अधिक मात्रा में लेने चाहिए। इनमें कोलेस्ट्रॉल कम होता है और प्रोटीन की जरूरत को भी पूरा करता है।

- तली और मसालेदार चीजों से दूर रहें और संतुलित आहार लें।

- खट्टे फल में मौजूद विटामिन-सी पित्ताशय की पथरी को दूर करने में काफी मददगार साबित होता है।

- एक चम्मच हल्दी लेने से पथरी दूर होती है।

- गॉल ब्लैडर में पथरी से बचने के लिए आपको अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करना बेहद जरुरी है।  


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