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6 सीटें नहीं दी न तेजस्वी… अब 36 देकर चुकानी पड़ेंगी!
AIMIM की इस धमकी ने बिहार की सियासत में मचा दिया है भूचाल —
क्या सीमांचल अब बन रहा है नया ‘महाभारत का मैदान’? बिहार विधानसभा चुनाव में बयानबाजी का दौर जारी है, लेकिन अब चर्चा किसी रैली या पोस्टर की नहीं —बल्कि AIMIM की खुली सियासी चेतावनी की है।
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने तेजस्वी यादव और RJD को एक ऐसा संदेश दिया है, जिसने पूरे सीमांचल को हिला दिया है।
विवाद की जड़
AIMIM महागठबंधन में शामिल होना चाहती थी, इसके लिए लालू और तेजस्वी यादव को पत्र भी भेजा गया। लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला, तो पार्टी ने अकेले मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया। अब AIMIM बिहार की 32 सीटों पर चुनाव लड़ रही है — जिनमें ज्यादातर मुस्लिम बहुल क्षेत्र हैं।
धमकी जो वायरल हो गई
AIMIM नेता शोएब जमई ने डिबेट में कहा — “हमने 6 सीटें मांगी थीं, नहीं दीं, तो अब 36 देकर चुकाओगे!” उन्होंने कहा, “जिस तरह पांडवों ने पांच गांव मांगे थे और नहीं मिले, तो महाभारत हुआ था — अब वही कहानी दोहराई जाएगी।” इस एक बयान से बिहार की सियासत में आग लग गई
सीमांचल बना रणभूमि
सीमांचल का इलाका बिहार की राजनीति का सेंटर बन गया है। यहां कुल 24 विधानसभा सीटें हैं, जहां मुस्लिम वोट निर्णायक माने जाते हैं। अब यही वोट बैंक RJD और AIMIM के बीच बंटता दिख रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है — AIMIM महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगा सकती है।
AIMIM vs तेजस्वी आमने-सामने
जमई ने तेजस्वी यादव को तंज कसते हुए कहा — “तेजस्वी ने कहा था कि ओवैसी एक्सट्रीमिस्ट लगते हैं, अब तेजस्वी बताएं, एक्सट्रीमिस्ट अंग्रेजी में लिखकर दिखाएं!” इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। RJD समर्थक और AIMIM कार्यकर्ता अब डिजिटल मोर्चे पर भिड़े हुए हैं।
2020 से 2025 तक का सफर
2020 में ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल की 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 5 सीटें जीत ली थीं। हालांकि बाद में चार विधायक RJD में चले गए। अब ओवैसी ने साफ कहा है — “इस बार हिसाब पूरा होगा।” AIMIM का मूड आक्रामक है और सीमांचल उसका मुख्य मोर्चा। 6 सीटों से शुरू हुआ विवाद अब 36 सीटों की जंग में बदल चुका है। अब सवाल ये है —
क्या AIMIM सच में तेजस्वी यादव का सियासी गणित बिगाड़ पाएगी? या फिर सीमांचल में फिर से RJD का झंडा लहराएगा?
बिहार की राजनीति में महाभारत पार्ट-2 शुरू हो चुकी है — अब देखना ये है, कौन जीतेगा ये सियासी कुरुक्षेत्र!




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