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नागपुर हिंसा पर गरमाई सियासत, पप्पू यादव ने बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद पर लगाया बड़ा आरोप
महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के बाद सोमवार को सेंट्रल नागपुर में हिंसा भड़क उठी और हालात बिगड़ गए। इस घटना पर बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बजरंग दल और VHP पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग की और कहा कि ये संगठन संविधान विरोधी, देश विरोधी और मानवता विरोधी हैं।
पप्पू यादव का बयान – ‘जगह जेल में होनी चाहिए या श्मशान में’
सांसद पप्पू यादव ने कहा, "जो संविधान से ऊपर हो जाए और गीता, कुरान, बाइबिल की आध्यात्मिकता और उदारवादी मानवीय मूल्यों के इतर हो जाए, ऐसी संस्था और ऐसे लोगों की जगह जेल में या श्मशान में होनी चाहिए। देश की संप्रभुता, संस्कृति और आध्यात्मिकता से कोई समझौता नहीं करना चाहिए।"
उन्होंने सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि "इन संगठनों को सरकार का पूरा संरक्षण प्राप्त है। हाथी के खाने के दांत कुछ और होते हैं और दिखाने के कुछ और। इन लोगों को पूरी सुरक्षा दी जाती है, जबकि यह लोग देश में हिंसा और नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं।"
‘हर मिनट, हर सेकेंड नफरत ढूंढना जरूरी नहीं’
पप्पू यादव ने आगे कहा, "औरंगजेब का इतिहास सही था या गलत, इस पर चर्चा करने का अभी सही समय नहीं है। देश को आगे ले जाने के लिए विकास और प्रगति पर ध्यान देना चाहिए, न कि हर चीज में राजनीति और नफरत ढूंढनी चाहिए। हर मिनट, हर सेकेंड नफरत ढूंढने से देश की प्रगति, अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय छवि पर असर पड़ रहा है।"
नागपुर हिंसा में 46 गिरफ्तार, पुलिस ने किया रूट मार्च
औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग के बाद नागपुर में जो हिंसा भड़की, उसमें अब तक 5 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और 46 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कई अन्य संदिग्धों को हिरासत में भी लिया है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मंगलवार (18 मार्च, 2025) की रात पुलिस ने दंगा प्रभावित इलाकों में 'रूट मार्च' निकाला और सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।
सियासत गरमाई, बयानबाजी तेज
इस मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। एक तरफ हिंदू संगठनों ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को जायज ठहराया, वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक एजेंडा करार दिया। पप्पू यादव जैसे नेताओं ने इसे देश में अशांति फैलाने की साजिश बताया और सरकार पर सवाल उठाए।
क्या है औरंगजेब की कब्र विवाद?
औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र के औरंगाबाद (अब छत्रपति संभाजीनगर) जिले के खुलदाबाद में स्थित है। हिंदू संगठनों का दावा है कि भारत में ऐसे शासकों का कोई स्थान नहीं होना चाहिए, जिन्होंने भारतीय संस्कृति और धर्म को नुकसान पहुंचाया। इससे पहले भी कई बार इस कब्र को हटाने की मांग उठ चुकी है, लेकिन अब नागपुर में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन हिंसा में बदल गया।
आगे क्या?
सरकार और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। पुलिस लगातार गश्त कर रही है और सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इस बीच, राजनीतिक दलों के बीच इस मुद्दे पर विवाद और गहराता जा रहा है।
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