Story Content
नागपुर में हिंसा को लेकर राजनीतिक विवाद काफी ज्यादा बढ़ गया है। महायुति और महाविकास के नेता इस पूरे मामले को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रति आरोप लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इन सबके बीच उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि कुर्सी के लिए उद्धव ठाकरे ने बाला साहेब ठाकरे के विचार छोड़ दिए। आपने कांग्रेस के साथ जाकर कुर्सी हासिल की, विचारधारा छोड़ दी। उनके प्रमुख दिल्ली गए थे और वहां जाकर माफी मांगी। साथ ही कहा कि हमें बचा लो, हम महायुति सरकार में शामिल हो जाएंगे, लेकिन मैंने उनका खेल पलट दिया। नोटिस आने पर वे माफी मांगने गए थे।
इसके अलावा एकनाथ शिंदे ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस और गिरीश महाजन को जेल में डालने का उनका प्लान था। उन्होंने औरंगजेब के विचार अपनाए, लेकिन मैंने उन्हें छोड़ दिया। इसलिए मेरे साथ 60 लोग आए, मैंने हिंदुत्व की सरकार बनाई। आप सिर्फ 20 लोगों को ही चुनवा पाए। एक अंदर की बात बताता हूं, उनके प्रमुख मोदी से मिलने गए और माफी मांगने लगे कि हमें बचा लो।
नोटिस से डरकर कौन कहां गया?
इतना ही नहीं एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर वार करते हुए कहा कि आप भी दिल्ली गए थे और वहां जाकर माफी मांगी और राज्य में वापस आकर पलटी मार ली। मैं शेर का बच्चा हूं, 80 सीटों पर लड़ा और 60 सीटें जीतीं। अनिल परब, आपकी सारी बातें मुझे पता हैं। नोटिस से डरकर कौन कहां गया, मुझे सब पता है। मैं नीचे बेल्ट वार नहीं करता।
उद्धव ठाकरे का एकनाथ शिंदे को जवाब
वहीं, उद्धव ठाकरे ने भी एकनाथ शिंदे को जवाब दिया। उन्होंने कहा, यह उनकी सरकार है। गृह मंत्री भी उन्हीं की पार्टी के हैं तो ये लोग क्या कर रहे हैं? ये किसकी जिम्मेदारी है? हमें हिंदुत्व सिखाने की कोशिश कर रहे हैं, हमारे हिंदुत्व पर सवाल उठा रहे हैं।हिम्मत है तो अपने झंडे का हरा रंग दिखाकर दिखाओ। औरंगजेब, जिसका जन्म गुजरात में हुआ था और जो महाराष्ट्र आया और उसने महाराष्ट्र को जीतने की कोशिश की. लेकिन हमारे आराध्य छत्रपति शिवाजी महाराज ने उन्हें जीतने नहीं दिया और उनकी समाधि महाराष्ट्र में बनाई गई। ये लोग यहां हिंदू-मुसलमान में भेदभाव पैदा कर रहे हैं, लेकिन खुद बांग्लादेश के साथ क्रिकेट खेलते हैं।




Comments
Add a Comment:
No comments available.