कहते है कि जिंदगी मे कब क्या हो जाए किसी को पता नहीं चलता है। ऐसा ही कुछ आईपीएल के राजस्थान रॉयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब के मैचे के वक्त देखने को मिला था।आईपीएल का जब 9वां मैच चल रहा था तब राजस्थान रॉयल्स के राहलु तेवतिया ने 18वें ओवर में शेल्डल कोटरेल के एक ओवर में पांच छक्के लगाकर सभी को हैरान कर दिया। खुद पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह उनकी तारीफ करते हुए नहीं थके। ऐसे में आईपीएल के इतिहास में इतना शानदार काम करने वाले राहलु तेवतिया की जिंदगी से जुड़ी कई खास बातों के बारे में जानिए यहां।
- 27 साल के राहुल लेफ्ट हैंड बेट्समैन हैं, उनके बॉलिंग स्टाइल की बात करें तो वो लेग ब्रेक बोलर हैं
- उनके फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड में सात मैच, 190 रन, सबसे ज्यादा स्कोर 35 और विकेट 17 रही हैं।
- लिस्ट ए रिकॉर्ड की बात करें उसमें 21 मैच, रन 484, सबसे ज्यादा स्कोर 484 और विकेट 33 रही हैं।
- टी 20 रिकॉर्ड की चर्चा करें तो उसमें मैच 50 है, रन 691, सबसे ज्यादा स्कोर 59 और विकेट 33 हैं।
आईपीएल का इतिहास
- उन्होंने सबसे पहले आईपीएल में कदम 2014 में राजस्थान रॉयलस टीम के साथ रखा था। इसके बाद वो किंग इलेवन का हिस्सा बने।
-2017 में वो भी आईपीएल में खेल और 2018 में वो दिल्ली कैपिटल्स की तरफ से खेलते हुए नजर आएं।
- इसके बाद वो फिर से राजस्थान रॉयल्स का हिस्सा बने।
हरियाणा के जिस गांव से है राहुल, बहुत ही रोचक है उसका इतिहास।
-हरियाणा के सीही (फरीदाबाद) में 20 मई 1993 को राहुल तेवतिया का जन्म हुआ था।
- आपको ये जानकार हैरानी होगी प्रसिद्ध हिंदी कवि सूरदास के जन्म सीही में ही हुआ था।
- सीही उन पांच गांवों में से एक हैं जो पांडवों को कौरवों से मिल जाते तो वो युद्ध का रास्त नहीं अपनाते।
एक किसान, पहलवान का बेटा कैसे बना क्रिकेटर?
- क्रिकेट कभी भी तेवतिया की पहली पसंद नहीं था। वहीं, राहुल के दादा एक किसान और पहलवान थे
- उनके चाचा ने हॉकी नेशनल में हरियाणा का प्रतिनिधित्व किया था, उनके गांव में हॉकी मेन खेल के तौर पर प्रसिद्ध है
- राहुल की रूचि हॉकी नहीं क्रिकेट में दिखी और उनके पिता फरीदाबाद में भारत के विकेट कीपर विजय यादव की अकादमी उन्हें लेकर गए
-राहुल जल्द ही हरियाणा की अंडर -14 टीम में शामिल हो गए और बाद में अंडर -16, 19 और 22 टीमों का रिप्रेजेंट करने लगे। उन्हें राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी कैम्प के लिए भी चुना गया था
- आईपीएल के लिए खेलने से पहले उन्होंने अपनी लाइफ में काफी वक्त तक अच्छे अवसर का इतंजार करना पड़ा था
- उनके कोच विजय यादव को इस बात पर विश्वास था कि वो बोलिंग से ज्यादा अच्छा बेटिंग करके अपनी जगह बनाने में कामयाब रहेंगे।
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