Tokyo Olympics: जानिए नीरज चोपड़ा की कहानी, नीरज की जुबानी

नीरज का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के खंडारा गांव में एक छोटे किसान के घर हुआ.

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नीरज का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के खंडारा गांव में एक छोटे किसान के घर हुआ. नीरज ने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ में की थी. नीरज ने पोलैंड में 2016 IAAF वर्ल्ड U-20 चैंपियनशिप में 86.48 मीटर की भाला फेंक के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया, जिसके बाद उन्हें एक जूनियर कमीशन अधिकारी के रूप में सेना में नियुक्त किया गया.

 सेना से नौकरी मिलने के बाद नीरज ने एक इंटरव्यू में कहा था, ''मेरे पिता किसान हैं और मां गृहिणी हैं और मैं एक संयुक्त परिवार में रहता हूं. मेरे परिवार में किसी के पास सरकारी नौकरी नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि, ''अब मैं अपनी ट्रेनिंग जारी रख सकता हूं और साथ ही साथ अपने परिवार की आर्थिक मदद भी कर सकता हूं.''

नीरज चोपड़ा ने शनिवार को निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय बनकर इतिहास रच दिया. नीरज 120 से अधिक वर्षों में पहले भारतीय हैं, और स्वतंत्र भारत के पहले एथलीट हैं, जिन्होंने ट्रैक-एंड-फील्ड अनुशासन में ओलंपिक पदक जीता है. नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर के थ्रो के साथ पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता.

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