मुकेश अंबानी की रिलायंस खेल प्रबंधन खरीदेगी करोड़ों की हिस्सेदारी, 52 करोड़ में होगी डील

मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इडस्ट्रीज अब स्पोर्ट्स बिजनेस पर फोकस बढ़ाते हुए आईएमजी- रिलायंस ज्वाइंट वेंचर में आईएमजी वर्ल्डवाइड एलएलसी की हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। आईएमजी रिलायंस लिमिटेड में आईएमजी वर्ल्डवाइड की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

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कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण जहां देश की तमाम कंपनियां घाटे और नुकसान की गिनती कर रही है तो वहीं मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्री एक के बाद एक डील कर इस कोरोना काल को मंगल बना रही है। इस बार रिलायंस कंपनी एक अमेरिकी कंपनी की  हिस्सेदारी खरीदने की दिशा में आगे बढ़ रही है। आपको बता दें कि मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इडस्ट्रीज अब स्पोर्ट्स बिजनेस पर फोकस बढ़ाते हुए आईएमजी- रिलायंस ज्वाइंट वेंचर में आईएमजी वर्ल्डवाइड एलएलसी की हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। बता दें कि आईएमजी रिलायंस लिमिटेड में आईएमजी वर्ल्डवाइड की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 

आईएमजी वर्ल्डवाइड के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज ने साल 2010 में ज्वाइंट वेंचर बनाया था जिसका उद्देश्य भारत में खेल और मनोरंजन के बिज़नेस को प्रोमोट, मार्केटिंग करना और प्रबंधन करना था। ये आईएमजी ग्रुप का स्पोर्ट्स, इवेंट्स, मीडिया और फैशन बिजनेस 30 से ज्यादा देशों में चलता है। आईएमजी-आर ने विभिन्न उपक्रमों के माध्यम से भारत में इन सेगमेंट को विकसित करने की दिशा में काम किया है जिसमें द हीरो इंडियन सुपर लीग, महाराष्ट्र ओपन शामिल है। आईएमजी-आर भारत में ग्लैमरस इवेंट लक्मे फैशन वीक की मेजबानी भी करता है। रिलायस कंपनी ने आईएमजी-आर में आईएमजी सिंगापुर पीटीई लिमिटेड के शेयरों के साथ समझोता करने वाली बात को सच साबित किया है जो कि ज्यादा से ज्यादा 52.08 करोड़ रुपये में संपन्न होगा।

इस साल नवंबर में आईएमजी-आर ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के 'वर्चुअल इन्वेंट्री' अधिकारों को बाजार में लाने के लिए वैश्विक जनादेश जीता। आईएमजी-आर ने कहा कि आईएमजी-रिलायंस क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के लिए अनन्य वैश्विक एजेंसी होगी जिसमें भारतीय उपमहाद्वीप सहित ऑस्ट्रेलिया के बाहर दर्शकों के लिए टेलीविज़न कवरेज की विशेषता वाले आभासी आविष्कारों के लिए बोर्ड ब्रांड पार्टनर्स होंगे। ।

आईएमजी-आर ने 181.70 करोड़ रुपये का बिज़नेस  किया और पिछले वित्त वर्ष में 16.35 करोड़ रुपये का लाभ कमाया। इसके साथ-साथ फर्म ने पिछले दो वित्तीय वर्षों में 16.35 करोड़ रुपये और 19.25 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है। आरआईएल के द्वारा उपरोक्त अधिग्रहण के लिए किसी भी सरकारी और रेगुलेटरी अप्रूवल की आवश्यकता नहीं होगी वही आरआईएल के प्रमोटर या प्रमोटर ग्रुप की कंपनियों में से कोई भी लेनदेन में कोई दिलचस्पी नहीं रखता है।

by-asna zaidi

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